इलाहाबाद न्यूज़: 52.92 करोड़ से बनने वाले बक्सी बांध आरओबी की लागत सेतु निगम के अफसरों की लापरवाही के कारण बढ़कर 72.10 करोड़ रुपये हो गई है. आरओबी की बढ़ी लागत पर जब वित्त विभाग ने आपत्ति जाहिर की तो इसकी जांच कराई गई. जांच में निगम के कई अफसरों की लापरवाही सामने आई. शासन ने अफसरों की जवाबदेही तय करते हुए आरोप पत्र जारी किया है. उम्मीद है कि इस माह के अंत तक आरओबी के लिए 20 करोड़ रुपये जारी हो जाएंगे ताकि बचा हुआ काम करवाकर इसे चालू किया जा सके.
दारागंज के बक्सी बांध पर नवंबर 2020 में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आरओबी का भूमि पूजन किया था. आरओबी नवंबर 2021 तक तैयार हो जाना था. लेकिन 98 फीसदी काम पूरा होने के बाद रोक दिया गया. लगभग डेढ़ साल से आरओबी ऐसे ही पड़ा है. लंबे समय से ठप पड़े आरओबी को लेकर इलाहाबाद उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने छानबीन शुरू की. शासन स्तर पर विधायक ने बात की तो मालूम चला कि आरओबी की लागत 52.92 करोड़ रुपये से बढ़कर 72.10 करोड़ रुपये होने पर वित्त विभाग ने आपत्ति जता दी है. इस आपत्ति के बाद उन वजहों की जांच हुई, जिसकी वजह से आरओबी की लागत 20 करोड़ रुपये बढ़ी. विभागीय जांच में आधा दर्जन से अधिक अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार ठहराए गए. इन्हें आरोप पत्र जारी किया गया है. इसके बाद वित्त विभाग ने बजट जारी करने पर सहमति जताई है. उम्मीद है कि इसी महीने बजट मिल जाएगा. जिसके बाद एक से
दो महीने में काम पूरा हो जाएगा.
आखिर कहां पर हुई लापरवाही
नवंबर 2020 में जब आरओबी का काम शुरू हुआ तो इसका आंकलन सही से नहीं किया गया. अधिग्रहण के मामले भी फंसे और सेतु निगम का काम काफी धीमी गति से चला. बीच में काम रुकने के कारण लागत बढ़ती गई. जिम्मेदार अफसरों ने समय पर सूचित भी नहीं किया, जिससे लागत बढ़कर लगभग 20 करोड़ रुपये हो गई.
बड़ी आबादी होती है परेशान, रोज कोसते हैं सरकार को
आरओबी पूरा न होने से इस इलाके की बड़ी आबादी हर रोज परेशान होती है. लोगों की परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब जाम में फंसे होते हैं और नजर आरओबी की ओर पड़ती है. ऐसा लगता है मानो आरओबी चिढ़ा रहा हो, लोग सरकार को कोसते हुए नजर आते हैं. दारागंज के मंगलेश तिवारी कहते हैं कि जब आरओबी नहीं था तो इतनी पीड़ा नहीं होती है लेकिन सिर्फ दो प्रतिशत काम न होने से आरओबी चालू न होने की सोचते हैं तो दर्द बढ़ जाता है. दारागंज निवासी पूनम मिश्रा का कहना है कि जब भी यूनिवर्सिटी, कटरा की ओर जाना होता है तो रेलवे फाटक बंद मिलता है. आरओबी इतना बनने के बाद भी काम रुका हुआ है, इसे देखकर बहुत दुख होता है. काम शुरू न होता तो कम से कम उम्मीद तो न जगती. क्षेत्रीय निवासी खुशबू गुप्ता का कहना है कि बालसन की ओर जाने के लिए अलोपीबाग का रास्ता चुनती हैं. जिससे दूरी बढ़ जाती है. अगर यह आरओबी बन जाए तो 10 मिनट में यह दूरी तय होगी.