धर्मांतरण केस: IAS इफ्तिखारुद्दीन पर हो रही कार्रवाई, SIT ने दी 207 पन्नों की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

Update: 2021-10-20 19:03 GMT

उत्तर प्रदेश के आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. धर्मांतरण मामले में इफ्तिखारुद्दीन जांच के घेरे में हैं. पिछले महीने उनके कुछ वीडियो सामने आए थे, जिसमें वो धर्मांतरण के फायदे गिनाते दिख रहे थे. इस मामले में एसआईटी ने कानपुर के पूर्व कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन को सरकारी पद और संसाधन के दुरुपयोग का दोषी माना है. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है और अब उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर मंथन चल रहा है.

कानपुर के कमिश्नर रहे इफ्तिखारुद्दीन अभी यूपी परिवहन विभाग के चेयरमैन हैं. उनके ऊपर कानपुर के कमिश्नर पद पर रहते हुए अपने सरकारी आवास पर धार्मिक बैठकें करने का आरोप है. साथ ही उनके कुछ वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें इफ्तिखारुद्दीन धर्मांतरण के फायदे गिना रहे थे. ऐसे ही 80 वीडियोज की जांच के बाद एसआईटी ने 207 पन्नों की अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. एसआईटी ने उनकी लिखी तीन किताबों को भी जांच में शामिल किया था.
पिछले महीने मामला सामने आने के बाद सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीना और एडीजी कानपुर भानु भास्कर की दो सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. बुधवार को एसआईटी की जांच रिपोर्ट को लेकर एक अहम बैठक भी हुई. जानकारी के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने सरकारी पद पर रहते हुए धर्म विशेष के प्रचार का अभियान चलाया और सरकारी आवास पर बैठकें कीं. साथ ही एसआईटी ने कानपुर कमिश्नरेट और उनके सरकारी आवास पर तैनात कर्मचारियों के बयान के आधारों पर इफ्तिाखरुद्दीन को धर्म विशेष के प्रति लगाव रखने और दूसरे धर्म के लोगों के साथ भेदभाव करने का दोषी बताया है.
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