एमएलसी दिनेश गोयल में विवाद बढ़ा, दिनेश ने अनिल और वी.के सिंह से बताया खतरा
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गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में चल रहा घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को दूसरे दिन विधान परिषद सदस्य दिनेश गोयल ने एक बार फिर 2 पेज का पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह उन्हें व उनके परिवार को टारगेट बना रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा खंडन पत्र जारी करने के बाद अनिल अग्रवाल ने उनको फोन कर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। एक डॉक्टर इंजीनियर व सांसद से इतनी अमर्यादित भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकती। दूसरी ओर, भाजपा नेता व अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य सरदार एसपी सिंह ने कोर कमेटी की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए महापौर पद प्रत्याशी के लिए दिया गया आवेदन वापस ले लिया है। दिनेश गोयल ने मीडिया को जारी किए पत्र में कहा है कि उन्होंने किसी दबाव में खंडन पत्र जारी नहीं किया है, बल्कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के मान सम्मान बचाने के लिए किया है। उन्होंने कहा है कि अनिल अग्रवाल अन्य जनप्रतिनिधियों ने उन पर जो टिप्पणी की है। उससे उन्हें आघात पहुंचा है। इन लोगों ने सत्य को छुपाने का काम किया है।
उधर सरदार एसपी सिंह ने बताया कि प्रत्याशियों के चयन हेतु गठित कमेटी में जनप्रतिनिधियों का आपसी वाद विवाद का समाचार सभी समाचारपत्रों में प्रकाशित हुआ है। जिसके चलते अब वर्तमान कोर कमेटी की पारदर्शिता पर सन्देह होना स्वाभाविक हो गया है। यहां यह भी दावा किया गया है कि एक व्यक्ति विशेष को महापौर का प्रत्याशी बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कोशिश की गई, जबकि प्रमुख लोगों को पहले सभी नामों पर उनकी योग्यता, अनुभव व क्षमता अनुसार विचार करना चाहिए। वैसे कोर कमेटी में सांसद, विधायक सहित सभी जिम्मेदार लोग हैं, और इस प्रकार का विवाद संगठन हित में नहीं है। सभी जनप्रतिनिधि सम्माननीय हैं। महानगर अध्यक्ष सहित सभी जनप्रतिनिधियों को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वे सदैव कार्यकर्ताओं के मान सम्मान का ध्यान रखते हुए किसी भी स्थिति में कार्यकर्ताओं के साथ नाइंसाफ़ी नहीं होने देंगे और न ही उनका मनोबल गिरने देंगे क्योंकि यही कार्यकर्ता उन्हें जनप्रतिनिधि बनाने के लिए व संगठन को ऊँचाई पर लाने के लिए पार्टी में कार्य करते हुए दिन रात एक कर देते हैं। श्री सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री संगठन से भी पूरे प्रकरण को ध्यान में रखते हुए कोर कमेटी की पारदर्शिता सुनिश्चित कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।