लखनऊ न्यूज़: रोडवेज में संविदा चालक परिचालकों की भर्ती में मनमानी खुलने लगी हैं. एमडी ने दस साल में संविदा पर ड्राइवर-कंडक्टरों की भर्ती की जांच के आदेश दिए हैं.
21 फरवरी के बाद मुख्यालय के अफसर क्षेत्रीय कार्यालयों में निरीक्षण करेंगे. संविदा कर्मियों को बर्खास्त करने के बाद बहाली में काफी खेल हुआ है. इसमें क्षेत्रों में तैनात अफसरों की भूमिका जांच में संदिग्ध पाई गई है. साल 2008 में दोषी संविदा चालक परिचालकों को नौकरी से बर्खास्त करने के बजाए नौकरी कराते रहे. एमडी ने मुख्यालय के अफसरों को क्षेत्रों में जाकर जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इनमें सीतापुर, बांदा, अलीगढ़, प्रयागराज, हापुड़, बरेली, बहराइच, देवीपाटन आदि क्षेत्र शामिल हैं.
दिन में बस कंडक्टर रात में कर रहे होमगार्ड की नौकरी
होमगार्ड कोटे में उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम में संविदा पर बस परिचालक पद पर नौकरी हासिल की. बावजूद होमगार्ड की भी नौकरी करते रहे. यह मामला हरदोई क्षेत्र के सीतापुर बस डिपो का है. यहां गुमनामी चिट्ठी से शिकायत हुई, जिसकी जांच में मामला उजागर हुआ तो डिपो में हड़कंप मच गया.
संविदा भर्ती की जांच के लिए नोडल अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. 21 फरवरी के बाद मुख्यालय पर तैनात नोडल अफसर क्षेत्रों में जाकर औचक निरीक्षण करेंगे. इस दौरान संविदा भर्ती मामले की जांच करेंगे.
-संजय कुमार, एमडी, उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम