निरतंतर हो रही बारिश ने बढ़ाया गंगा का जलस्तर

Update: 2023-06-29 17:15 GMT

प्रयागराज |  मानसून की एंट्री के बाद पहाड़ों पर और मध्य प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा के कारण तीर्थराज प्रयाग में गंगा-यमुना के जलस्तर में घट-बढ जारी रहने से संगम तट स्थित तीर्थ पुरोहितों ने अपनी-अपनी चौकियों को पीछे खिसकाना शुरू कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गंगा और यमुना के जलस्तर में घट-बढ़ का ट्रेंड जारी है। गुरुवार को सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 76.05 मीटर, छतनाग में 71.61 दर्ज किया गया, जबकि यमुना के जलस्तर में पिछले 24 घंटे के दौरान 25 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी के साथ 72.54 मीटर दर्ज किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि बुधवार को गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे फाफामऊ में 76.13 मीटर, छतनाग में 71.70 मीटर जबकि नैनी में यमुना 72.29 मीटर दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार की तुलना में गुरुवार को गंगा जलस्तर फाफामऊ में पिछले 24 घंटे में आठ सेंटीमीटर, छतनाग में नौ सेंटीमीटर घटा है तो नैनी में यमुना 25 सेंटीमीटर बढ़ी हैं।

तीर्थ पुरोहित राजेन्द्र पालीवाल ने बताया कि गंगा में जगह-जगह रेत के टीले बढ़े जलस्तर में डूबने लगे। तीर्थपुरोहितों की एक दर्जन से अधिक चौकियों तक पानी पहुंच गया। वे अपनी अपनी चौकियों को लगातार पीछे की तरफ खिसका रहे हैं। फाफामऊ श्मशान घाट और अरैल घाट पर कटान हो रहा है। यहां करीब पांच सौ मीटर दायरे में गंगा का किनारा कटान की चपेट में आ गया है। कटान शुरू होने से फाफामऊ, छतनाग घाटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।

नगर निगम निगरानी समिति के सदस्यों के अलावा कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि कटान की वजह से एक भी शव गंगा में न बहने पाए। रेत से बाहर आने के बाद शव गंगा में न बहें और चील, कौए उन्हें न नोचें, इसके लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। ऐसे शवों का नगर निगम की ओर से अंतिम संस्कार कराने की घोषणा की गई है।

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