22 करोड़ की जमीन हड़पने की साजिश का खुलासा

Update: 2023-06-11 07:00 GMT

कानपूर न्यूज़: पनकी के कपिली गांव में मिड डे मील बनाने के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन को दी गई जमीन को फर्जी तरीके से हड़पने की माफिया की योजना पर अपर उपजिलाधिकारी सदर ने पानी फेर दिया. फर्जी खतौनी व दस्तावेज तैयार करके 22 करोड़ की जमीन पर माफिया ने खुद को मालिक बनाकर दावा पेश किया. दस्तावेज फर्जी आने पर सभी के दावे को अपर उपजिलाधिकारी सदर कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अब सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी.

2019 में कपिली गांव में आराजी संख्या 311 की 17 बीघा 16 बिस्वा जमीन केडीए ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को 70 लाख रुपए डेवलपमेंट शुल्क लेकर आवंटित की गई थी. अक्षय पात्र फाउंडेशन ने प्रोजेक्ट शुरू किया तो झब्बू उर्फ झबुआ के बेटे रामबाबू, रामबहादुर व रामऔतार ने विरोध किया. अपर उपजिलाधिकारी सदर की कोर्ट में जमीन पिता की बताकर 2020 में फर्जी दावा किया गया था. जब कोर्ट ने दस्तावेजों की जांच की तो बड़ा खुलासा हुआ. झबुआ पुत्र होरी लाल ने 1348 फसली और 1374 से 1376 फसली के दस्तावेजों में हेरफेर करके फर्जी खतौनी तैयार की. सभी दस्तावेज फर्जी लगाकर खुद को जमीन का मालिक बता दिया. आखिरकार कोर्ट ने तीनों का दावा खारिज करके रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया है. केडीए चकबंदी में दर्ज फर्जी नाम को खारिज कराने के लिए कार्रवाई करेगा.

मकसूदाबाद की तरह योजना बना फर्जीवाड़े का खेल

मकसूदाबाद की तरह केडीए की जमीन को हड़पने का खेल कपिली में हुआ. डीएम से शिकायत होने पर तहसीलदार सदर रितेश कुमार सिंह जांच करने पहुंचे तो पूरी पोल खुली. शातिरों ने फर्जी दस्तावेजों को तैयार करके फर्जीवाड़ा करने की पूरी इबारत लिख ली थी. एक तरफ दस्तावेज तो दूसरी तरफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामला दाखिल करके जमीन हड़पने की कोशिश थी.

अक्षय पात्र को दी गई जमीन को हड़पने की पूरी योजना थी. इसीलिए फर्जी खतौनी तैयार करके दस्तावेज पेश किए गए. जांच में जमीन ऊसर व मालिक केडीए निकला है. इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी. -राजेश कुमार, अपर उपजिलाधिकारी सदर

तहसील के दस्तावेजों में सेंध

कपिली गांव का मालिकाना हक केडीए के पास है. केडीए ने ही जमीन आवंटित की. इसके बावजूद तहसील के दस्तावेजों में सेंध लगाकर फर्जी खतौनी तैयार कर ली गई. वह भी सबसे पुराने दस्तावेजों में किया गया. तहसील के अफसरों व कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगी. करोड़ों की जमीन को हड़पने की तैयारी थी. इतना ही नहीं चकबंदी के दस्तावेजों में भी खेल किया गया.

हाल ही में यह जमीनें कराई गईं खाली

● बिनगवां में 20 करोड़ की जमीन खाली कराई गई

● मकसूदाबाद में 80 करोड़ की जमीन कब्जे में ली गई

● पिपौरी में 21 करोड़ की जमीन कब्जेदारों से वापस ली गई

● कटरी में 15 करोड़ की जमीन वापस लेकर तहसील में दर्ज

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