लखनऊ न्यूज़: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर यह साफ कर दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव और इसी साल कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी. यह भी कहा कि जब-जब बैलट से मतदान हुआ बसपा का जनाधार बढ़ा, लेकिन ईवीएम से होने पर इसमें फर्क पड़ा है. उन्होंने भाजपा की जीत को ईवीएम का कमाल बताया है.
बसपा सुप्रीमो ने पार्टी कार्यालय पर जन्मदिन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कुछ पार्टियां बसपा से गठबंधन का भ्रम फैला रही हैं, इसीलिए यह साफ कर देना चाहती हूं कि किसी से कोई गठबंधन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि गठबंधन से उन्हें नहीं बल्कि दूसरों को फायदा होता है. उनका वोट तो दूसरी पार्टियों को मिल जाता है, लेकिन बसपा को नहीं मिलता है. उन्होंने यह भी कहा कि ईवीएम को लेकर आशंकाएं जरूर हैं. ईवीएम से जिन देशों में मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई, वहां गड़बड़ी की शिकायत के बाद बैलेट से चुनाव कराया जाने लगा. उन्होंने स्वीकार किया कि ईवीएम से चुनाव में बसपा को नुकसान हो रहा है. आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में दलित बस्तियों का वोट उनकी पार्टी को पड़ा, लेकिन ईवीएम खुला तो वह दिखा नहीं. इससे उनके वोट बैेंक पर असर पड़ रहा है.
बसपा प्रमुख ने जन्मदिन पर बधाई देने वाले शुभचिंतकों का आभार जताया. दलितों, गरीबों, शोषित और पिछड़ों उपेक्षित व अल्पसंख्यकों का आह्वान किया कि वे बसपा के साथ जुड़ कर केंद्र व राज्य सरकार के सत्ता की चाभी अपने हाथों में लें. मायावती के गठबंधन न करने के बयान से इन कोशिशों में जुटी कांग्रेस को झटका लगा है.
उन्होंने आरक्षण को लेकर भी कांग्रेस, भाजपा व सपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि ओबीसी को आरक्षण न देने का खेल खेला गया, इससे यूपी में निकाय चुनाव प्रभावित हुआ है.
उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन को नहीं लागू होने दिया गया. सपा सरकार में 17 ओबीसी जातियों को एससी में कर उनका हक मारा गया.