कपसाड़ गोशाला में नहीं सुधर रहे हालात, देखरेख के अभाव में तड़प-तड़पकर मर रहे गोवंश
सरधना: सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले गोवंश को हांककर गोशाला में पहुंचाया गया। इनकी देखभाल का जिम्मा आखिर किस विभाग का है। देखरेख और इंतजाम के अभाव में तड़प-तड़पकर गोवंश मर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार व्यवस्था कराने की बजाय असलियत छिपाने में लगे हुए हैं। प्रदेश शासन की प्राथमिकताओं में शामिल गो रक्षा के लिए शासकीय धन से ग्राम पंचायत स्तर पर संचालित गोशालाएं भगवान भरोसे ही चल कर संबंधित अधिकारियों की अतिरिक्त कमाई का जहां पर साधन साबित हो रही है।
वहीं, व्यवस्था और देखरेख के अभाव में भूख प्यास से तड़प-तड़पकर गोवंश मरने की आम होती खबरें लोगों के मन मस्तिष्क पर गहरा आघात पहुंचा रही हैं। जबकि प्रशासन इस ओर से मूक बना हुआ है। अपनी कमी को छिपाने के लिए यहां का प्रशासन इधर-उधर की बातें बता कर मीडिया कर्मियों सहित अन्य लोगों को गुमराह करने में लगा हुआ है। जबकि शासन की प्राथमिकताओं में शामिल गोवंश की सुरक्षा खतरे में दिखाई दे रही है।
यह प्रक्रिया अकेली इस कपसाड़ गांव स्थित गोशाला में ही नहीं बल्कि विकास क्षेत्र में संचालित की गई गोशालाओं की है, जो भगवान भरोसे ही चलकर अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है और भूख प्यास से तड़प-तड़प कर गोवंश काल के गाल में समाते जा रहे हैं और प्रदेश शासन के मुखिया की मंशा पर खुलेआम हो रहा है कुठाराघात। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
कपसाड़ गांव स्थित गोशाला में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार शिकायत करने के बाद भी अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। जिसका नतीजा यह है कि गोशाला में गोवंश तड़प-तड़पकर दम तोड़ रहे हैं। रविवार को भी ग्रामीणों ने वीडियो व फोटो सोशल मीडिया पर डालकर गोशाला के हालात बया किए। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग की है।
कपसाड़ गांव में बड़ी गोशाला बनी हुई है। मगर गोशाला में अव्यवस्था फैली हुई है। गोशाला की बाउंड्री नीची होने के कारण उसमें कुत्ते घुस जाते हैं। खूंखार कुत्ते गोवंशों को अपना निशाना बनाते हैं। कुत्तों के हमलों से अब तक कई गोवंशों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा गोशाला में गंदगी पसरी रहती है। आरोप है कि गोवंशों को सूखा चारा दिया जा रहा है। अव्यवस्थाओं के कारण गोशाला में गोवंश तड़प-तड़पकर दम तोड़ रहे हैं।
ग्रामीण लगातार अधिकारियों से मिले की शिकायत कर रहे हैं। तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। कई संगठन ज्ञापन सौंपकर विरोध जता चुके हैं। मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रविवार को भी ग्रामीणों ने वीडियो व फोटो सोशल मीडिया पर डालकर गोशाला की हालत दिखाई। जिसमें कई गोवंश जख्मी हालत में अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग की गई है।
अव्यवस्था के कारण दम तोड़ रही गायें
गोशाला में अव्यवस्था व अभावों के कारण गायों की मौत का मामला सामने आया है। गोशाला में कई गायों ने दम तोड़ दिया। आरोप है कि न तो गायों को पर्याप्त इलाज दिया जा रहा है और न ही गोशाला प्रबंधन को इनकी सुध है। आए दिन यहां रहने वाली गायों को इसी दर्दनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है। बीमार गायों का इलाज करवाने की बजाय गायों को गोशाला के बाहर आसपास छोड़ दिया जाता है। जहां ये तड़प-तड़पकर मर जाती हैं।
कोई सुध लेने वाला नहीं
कपसाड़ गोशाला की अव्यवस्था पर अधिकारी जांच क्यों नहीं कर रहे हैं, गोशाला की देखरेख के लिए मिलने वाले करोड़ों रुपये की रकम कहां गायब हो रही है? कौन इसका जिम्मेदार है, बेवजह गाय की मौत को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों ने कहा कि कपसाड़ की गोशाला में व्याप्त अव्यवस्था भ्रष्टाचार की चौपट व्यवस्था की उच्चस्तरीय जांच की जाए, जिसमें गाय की जान बचाई जाए।