डिब्बा बन गए हैं कस्तूरबा स्कूलों में लाखों के कम्प्यूटर, प्रत्येक लैब में छह-छह कम्प्यूटर
प्रतापगढ़ न्यूज़: कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए लगाए गए लाखों रुपये कीमत के कम्प्यूटर डिब्बा बनकर रह गए हैं. कारण जिले के 15 में से एक भी कस्तूरबा स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षक की तैनाती नहीं की गई है. ऐसे में कम्प्यूटर लैब की स्थापना के बाद से उसमें ताला लटक रहा है.
कस्तूरबा स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को डिजिटल शिक्षा से जोड़ने के लिए शासन ने प्रत्येक स्कूल में कम्प्यूटर लैब खोलने का निर्देश दिया था. आधुनिक कम्प्यूटर लैब की स्थापना के लिए शासन स्तर से बेसिक शिक्षा विभाग को धनराशि भी आवंटित कर दी गई. सरकारी धनराशि खपाने के लिए जिम्मेदारों ने आनन-फानन जिले के 15 कस्तूरबा स्कूलों में कम्प्यूटर लैब की स्थापना करा दी और प्रत्येक लैब में छह-छह कम्प्यूटर, प्रिंटर व हेडफोन लगवा दिया. इसके बाद प्रत्येक स्कूल में कम्प्यूटर लैब स्थापित करने की रि पोर्ट शासन को भेज दी गई. जबकि जिले के 15 स्कूलों में स्थापित कम्प्यूटर लैब में लगाए गए कम्प्यूटर विशेषज्ञ शिक्षक की तैनाती के अभाव में डिब्बा साबित हो रहे हैं. विशेषज्ञ शिक्षक नहीं होने का नतीजा है कि स्थापना के बाद से लैब में लगातार ताला लटक रहा है. इससे इस बात का अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि कस्तूरबा स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं की शिक्षा को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार कितने फिक्रमंद हैं.
जिले के 15 कस्तूरबा स्कूलों में कम्प्यूटर लैब स्थापित की गई है, हालांकि अभी तक विशेषज्ञ शिक्षक की तैनाती नहीं की गई है. स्कूल में पहले तैनात शिक्षक छात्राओं को कम्प्यूटर सिखा रहे हैं. शीघ्र ही विशेषज्ञ शिक्षक तैनात कर दिए जाएंगे.
-मो. इजहार, जिला समन्वयक
लैब में कम्प्यूटर चलाने का अभ्यास कर रहे
कस्तूरबा स्कूलों में स्थापित कम्प्यूटर लैब का लाभ भले ही छात्राओं को नहीं मिल रहा है लेकिन स्कूलों में तैनात शिक्षक इसका पूरा फायदा ले रहे हैं. शिक्षण कार्य से फुर्सत मिलते ही वह लैब में चले जाते हैं और कम्प्यूटर चलाने का अभ्यास कर रहे हैं.