मेरठ न्यूज़: हिंडन नदी का काला पानी देखकर प्रदूषण अधिकारी पर कमिश्नर ने नाराजगी जाहिर की। हिंडन नदी को निर्मल बनाने की दिशा में गुरुवार को कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे ने बपारसी स्थित हिंडन नदी का निरीक्षण किया। इस दौरान कमिश्नर ने देखा कि हिंडन नदी का पानी का रंग पूरी तरह से स्याह हो चुका है। पानी दूषित कैसे हुआ? दूषित होने की वजह क्या है? हिंडन नदी के पानी में कितने फैक्ट्रियों का दृषित पानी डाला जा रहा है? इन तमाम सवालों की जानकारी कमिश्नर ने अधीनस्थ अधिकारियों से ली। उन्होंने मौजूद प्रदूषण अधिकारियों से भी इसके बारे में पूछताछ की। कहा कि दूषित पानी डालने वाली फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं? किनौनी शुगर मिल के दूषित पानी को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की। कहा कि पहले कार्रवाई की तो फिर सुधार क्यों नहीं हुआ? नदी का पानी इतना खराब कैसे हुआ?
कमिश्नर खराब पानी को लेकर नाराजगी भी दर्ज करा गई। कहा कि दूषित पानी नदी में कतई नहीं गिरना चाहिए। फैक्ट्रियों के पानी पर रोक लगाई जाए तथा इसका पानी निर्मल करने की दिशा में काम किया जाए। बपारसी के बाद कमिश्नर बरनावा में पहुंची, जहां हिंडन नदी का दौरा किया। यहां भी हिंडन का पानी काफी खराब मिला। जो पशुओं के भी पीने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि पशुओं ने भी ये पानी पिया तो नुकसान दे हो सकता है। इस वजह से लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए भी उन्होंने अधिकारियों से कहा। हिंडन के पानी को निर्मल बनाने के लिए जनता में जागरूकता भी बेहद आवश्यक है। इस दिशा में लोगों को जागरूक करें, ताकि हिंडन का पानी निर्मल किया जा सके। उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि इनमें यह किस फैक्ट्री का पानी आता, तो बताया गया कि किनौनी शुगर फैक्ट्री का गंदा पानी भी हिंडन में डाला जा रहा है, जिसके कारण भी हिंडन का पानी दूषित हो रहा है।
इसके अलावा भी कुछ फैक्ट्रियां लगी है, जिनका पानी भी हिंडन में डाला जा रहा है। पानी स्याह हो चुका है। लंबे समय से निर्मल करने की दिशा में काम किया जा रहा है। तत्कालीन कमिश्नर प्रभात कुमार ने सर्वप्रथम हिंडन की सफाई के लिए अभियान शुरू किया था। एक कमेटी भी बनाई थी, जिसने हिंडन की सफाई के लिए जिम्मेदार ली थी। उसके बाद अब सेल्वा कुमारी जे. ने भी हिंडन नदी का दौरा कर खराब होते पानी को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की है।