कलक्ट्रेट कर्मचारी मांग रहा था कमीशन, घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया

Update: 2024-02-26 06:03 GMT

इलाहाबाद: एंटी करप्शन की टीम ने घूस लेते रंगेहाथ पकड़े गए कलक्ट्रेट कर्मचारी को वाराणसी स्थित कोर्ट में पेश किया. कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया. कर्मचारी के खिलाफ आरोप था कि उसने एक करोड़ 26 लाख का हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कमीशन मांगा था. कहा था कि 10 लाख के हैसियत प्रमाण पत्र पर एक हजार कमीशन चाहिए. सवा करोड़ का हैसियत प्रमाण पत्र बनना है तो 12 हजार रुपये चाहिए. रुपये न मिलने पर वह प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा.

मेजा निवासी उदय प्रताप सिंह ने एंटी करप्शन से शिकायत की थी. उसके पिता के नाम से हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में कलक्ट्रेट में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गिरीश चंद्र ने 12 हजार रुपये घूस मांगी. उसकी शिकायत पर एंटी करप्शन ने को कलक्ट्रेट परिसर में छापामारी करके आरोपी गिरीश चंद्र को गिरफ्तार कर लिया था.

कोरांव में नहीं आ सका ‘अविश्वास’

कोरांव के ब्लॉक प्रमुख मुकेश कोल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कोरम के अभाव में नहीं लाया जा सका. एसडीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में महज सदस्य ही पहुंच सके. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव परित नहीं हो सका. कोरांव के ब्लॉक प्रमुख मुकेश कोल के खिलाफ पिछली जनवरी को डीएम प्रयागराज के समक्ष 1 बीडीसी सदस्यों का हस्ताक्षर युक्त पत्र दिया गया था, जिस पर उन्होंने को बैठक बुलाई थी. ब्लॉक मुख्यालय में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगभग सुबह 11 बजे बीडीसी सदस्यों का प्रवेश शुरू हुआ. इस ब्लॉक में कुल 8 बीडीसी सदस्य हैं, लेकिन मात्र ही उपस्थित हो सके.

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