कोल्ड स्टोर हादसा: ध्वस्त कराई जाएगी जर्जर इमारत

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Update: 2023-02-26 10:33 GMT
मेरठ। मेरठ जनपद के दौराला में शीतगृह में हुए हादसे में दूसरे दिन डीएम द्वारा गठित टीम सुबह दस बजे ही पहुंच गई। यहां दिन भर यहीं मंथन रहा कि अमोनिया गैस को कैसे खाली किया जाए और जहां पर हादसा हुआ है, उस हिस्से को कैसे गिराया जाए। यह हिस्सा ध्वस्त कराने के लिए हाईड्रो और मलबा हटाने के लिए जेसीबी भी आ गई थी। बाद में तय हुआ कि अमोनिया गैस खाली कराने के बाद ही जर्जर इमारत को ध्वस्त किया जाएगा। डीएम दीपक मीणा ने जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी गई। टीम यहां निगरानी करती रही। टीम ने मुख्य द्वार से लेकर अंदर तक के क्षेत्र को सील कर दिया गया।
इसके बाद एडीएम प्रशासन अमित कुमार सहित अन्य ने निरीक्षण किया। टीम ने बताया कि इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। इसे गिराया जाएगा। लोक निर्माण विभाग से ध्वस्तीकरण में खर्च का आकलन कर रिपोर्ट मांगी गई है। इस पर जो व्यय होगा, वह शीतगृह के मालिक को वहन करना होगा। इसके बाद चौधरी चंद्रवीर सिंह की ओर से संदीप ठेकेदार, विक्रांत अहलावत, संजय प्रधान और रवि चौधरी ने टीम और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखा कि इतनी बड़ी इमारत को ऐसे न गिराया जाए। जहां जरूरत है, वहां तक ही गिराया जाए।
वहीं दोपहर बाद तीन बजे इमारत गिराने के लिए दो हाइड्रा और जेसीबी मशीन भी आ गई, लेकिन फिर टैंकर में दो टन के करीब अमोनिया गैस भरी होने के कारण कार्रवाई रोक दी गई। तय किया गया कि पहले अमोनिया गैस को खाली कराया जाएगा, इसके बाद पूरी रिपोर्ट तैयार कर इमारत को ध्वस्त किया जाएगा। शीतगृह के पीछे कर्मचारियों के आवास हैं। यहां पशुओं को बांधा जाता है। आमोनिया गैस के रिसाव के करण यहां से पशुओं को बाहर निकाला गया।
शीतगृह के मालिक पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह ने कहा कि इस हादसे का उन्हें बेहद दुख है। मन इतना दुखी है कि कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि शीतगृह में चाहे और नुकसान हो जाता, लेकिन मजदूरों के साथ जो हुआ, वह दुखद है। वह मजदूरों और उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस से मृतकों और घायलों को उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने घटना की जांच में हरसंभव सहयोग की बात कही।
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