गोरखपुर। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार की सुबह 4 बजे शिवावतार गुरु गोरखनाथ को नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार पुण्यकाल में आस्था की पहली खिचड़ी चढ़ाई और लोकमंगल की कामना की। उसके बाद नेपाल राजवंश की ओर से खिचड़ी चढ़ाई गई। फिर नाथ योगियों, साधु संतों ने खिचड़ी चढ़ाकर पूजा अर्चना की। इसके साथ मंदिर के गर्भगृह के पट को आमजन के लिए खोल दिया गया और लोक आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ाने कर शुरूआत हो गई। लाखों की संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं के खिचड़ी चढ़ाने और मंगल कामना का सिलसिला शुरू हो गया। सीएम एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने नाथपंथ की परंपरा के अनुसार जमीन पर बैठ कर पवित्री एवं सिंगी नाद से सिटी बजा कर भगवान गुरु गोरखनाथ को प्रमाण कर आदेश लिया। फिर विधिवत पूजन कर गोरक्षपीठ की ओर से खिचड़ी चढ़ाई। उसके बाद त्रेतायुग से प्रज्ज्वलित अखण्ड ज्योति का पूजन कर आशीर्वाद लिया। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर शिवावतार गुरु गोरखनाथ को लोक आस्था की खिचड़ी चढ़ाने लाखों श्रद्धालु कड़ाके की ठंड के बीच गोरखनाथ मंदिर में उमड़े।
सुख समृद्धि एवं अरोग्य की मंगलकामना को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों और पड़ोसी राज्य नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने रविवार की सुबह 4 बजे के बाद कतारबद्ध होकर गुरु गोरखनाथ को श्रद्धा की खिचड़ी निवेदित की। उसके बाद मंदिर परिसर में स्थित सभी देवी देवताओं के विग्रहों का पूजन कर ब्रह्मलीन महंत बाबा गंभीरनाथ, ब्रह्मलीन महंत दिग्विजनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेक आशीर्वाद लिया। इस दौरान गुरु गोरखनाथ की जय जयकार से पूरा मंदिर प्रांगण गूंज रहा था। जयकारे की एक लहर थमती नहीं कि दूसरी शुरू हो जाती। गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी मेला लोक श्रद्धा भाव के साथ सामाजिक समरसता का भी मेला है। अमीर-गरीब सभी नंगे पाव कतारबद्ध होकर बारी बारी भगवान गोरखनाथ को आस्था की पवित्र खिचड़ी चढ़ा रहे थे। कोई मुठ्ठी भर श्रद्धा का चावल लेकर आ रहा था तो कोई बोरी भर। लेकिन भगवान के प्रति भाव सभी का उतना ही था, न जाति का बंधन था न ही धर्म का। शुक्रवार की रात से ही श्रद्धालु बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने पहुंच गए थे। रविवार को यह संख्या लाखों में हो गई। सुबह चार बजे ही श्रद्धालुओं की लम्बी कतार मंदिर परिसर से बाहर सड़क तक लग गई थी। अलग अलग गेट और बैडिकेडिंग से श्रद्धालुओं की भीड़ को संभाला जा रहा था। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा व सहूलियत को लेकर मंदिर व जिला प्रशासन की ओर से मुकम्मल इंतजाम किए गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सभी व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए थे।