सफाई कर्मचारी भ्रष्टाचार कर 9 luxury गाड़ियों का बना मालिक

Update: 2024-08-15 15:06 GMT
गोंडा Gonda: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सफाई कर्मचारी ने भ्रष्टाचार कर अकूत संपत्ति बना ली है, मामला सामने आने पर अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में आरोपी सफाई कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, जिले में नियमों को दरकिनार कर सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल की नगर पालिका परिषद में तैनाती के बाद सबसे पहले उसे कमिश्नर कार्यालय में नाजिर के पद पर नियुक्त किया गया।
इस पद पर रहते हुए संतोष जायसवाल ने Government files में छेड़छाड़ कर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की और 9 लग्जरी कारों का मालिक बन बैठा। जानिए पूरा मामला दरअसल, तत्कालीन कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा को शिकायत मिली थी कि सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल ने सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर करोड़ों रुपये की संपत्ति बना ली है। इसके बाद उन्होंने शिकायत के आधार पर जांच कराई और आरोप सही पाए जाने पर उसे निलंबित कर दिया। उसके खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया और सदर तहसीलदार देवेंद्र यादव को उसकी संपत्तियों की जांच करने के निर्देश दिए गए। सफाई कर्मचारी के पास 9 लग्जरी कारें हैं
कमिश्नर देवीपाटन मंडल योगेश्वर राम मिश्र के आदेश पर सदर तहसीलदार ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर संतोष जायसवाल की लग्जरी कारों की जानकारी मांगी थी। वर्तमान कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने कार्यभार संभालने के बाद वाहनों की जांच के आदेश भी दिए थे। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आरोपी संतोष कुमार जायसवाल के नाम एक नहीं, बल्कि 9 लग्जरी कारें मिली हैं। इनमें एक स्विफ्ट डिजायर, एक अर्टिगा मारुति सुजुकी, एक महिंद्रा स्कॉर्पियो, एक टोयोटा इनोवा और एक महिंद्रा जाइलो शामिल हैं।
अब बैंक खातों की होगी जांच
अधिकारी ने बताया कि संतोष कुमार जायसवाल के खिलाफ बैंक खातों की भी जांच की जा रही है और पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तलब किया गया है। बैंक रिकॉर्ड मिलने के बाद संतोष जायसवाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया जाएगा।
कार्यालय की कई फाइलें गायब
संतोष कुमार जायसवाल पर कमिश्नर कार्यालय की फाइलों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। Former Commissioners
 
ने अपर आयुक्त प्रशासन से जांच कराई थी, जिसमें कमिश्नर कार्यालय की कई फाइलें गायब पाई गई थीं और कई में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी। इस मामले में शहर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अब वाहनों का ब्योरा मिलने के बाद बैंक रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सफाई कर्मचारी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं या फिर बड़े अधिकारी भी इस खेल में शामिल हैं। फिलहाल यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
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