फॉरेंसिक जांच बगैर अफसरों को क्लीन चिट

पीएफ घोटाला

Update: 2023-09-27 09:13 GMT

लखनऊ: नगर निगम में 79 कर्मचारियों के पीएफ खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे निकालने में कई अफसर भी निशाने पर हैं. बैंक को भेजे दस्तावेज में इन अफसरों के हस्ताक्षर हैं. नगर निगम अफसर इन्हें स्कैन किया बता रहे हैं, जबकि फॉरेंसिक जांच ही नहीं कराई.

नगर निगम के 79 कर्मचारियों के पीएफ खाते से कूटरचित दस्तावेजों से रकम निकाली गई है. नगर निगम अफसरों का दावा है कि यहां के फंड विभाग के बाबू मनोज कुमार, चपरासी अनिल ने अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर कर रकम निकलवाई है. नगर निगम ने एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी और बाबू समेत तीन लोगों पर केस दर्ज कराया है. कि अफसरों ने खुद तय कर लिया कि यह अफसर के हस्ताक्षर नहीं, बल्कि स्कैन किए हुए हैं, जबकि फोरेंसिक जांच से ही पुष्टि हो पाती कि अफसरों ने हस्ताक्षर किए हैं या नहीं.

इन बड़े अफसरों के हैं हस्ताक्षर

कर्मचारियों का पैसा निकालने के लिए जो पेपर यूको बैंक भेजा गया है, उसमें कुछ अपर नगर आयुक्तों के भी हस्ताक्षर हैं. मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने बताया कि अपर नगर आयुक्त अवनींद्र सिंह, पूर्व अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह, पूर्व सीएफओ रागिनी सिंह के हस्ताक्षर भी हैं. कुछ फाइलों में उनके भी (नंदराम कुरील) हस्ताक्षर हैं.

पीएफ मामले की जांच की गई है. इसमें नगर निगम का एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और बाबू दोषी मिले हैं. अफसरों के हस्ताक्षर फर्जी, स्कैन किए प्रतीत हुए हैं. बाबू और कर्मचारियों ने बाहर खेल किया है. अधिकारियों के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच की जरूरत नहीं समझी गई. - नंदराम कुरील, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, नगर निगम

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