Chitrakoot: सिपाही को दहेज हत्या में दोषी को 20 वर्ष की सजा

Update: 2024-09-13 14:29 GMT
 Chitrakootचित्रकूट। दहेज हत्या के मामले में मृतका के सिपाही पति को दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दी। सास- ससुर को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा दी गई है। अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि महोबा जिला निवासी कृष्णा ने कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने बेटी गुड़िया की शादी 29 नवंबर 2017 को महोबा जिले के खरेला थानांतर्गत पुनिया गांव निवासी योगेंद्र कुमार से की थी।
योगेंद्र के उत्तर प्रदेश पुलिस ने सेवारत होने के कारण ससुरालीजन दहेज से संतुष्ट नहीं थे। पहली बार मायके आने पर गुड़िया ने बताया था कि ससुरालीजन चारपहिया वाहन की मांग कर रहे हैं। ससुरालीजनों ने असमर्थता जाहिर करते हुए पुत्री को ससुराल भेज दिया था।
इसके बाद योगेंद्र गुड़िया को लेकर पुलिस लाइन चित्रकूट के सरकारी कमरे में रहने लगा। आरोप लगाया कि चार पहिया वाहन की मांग पूरी न होने पर 26 सितंबर 2019 को पति योगेंद्र, ससुर सीताराम और सास शीला आदि ने उसकी बेटी को मारकर कमरे के पंखे से लटका दिया।
इसकी सूचना उन लोगों को दूसरे दिन दी गई। मृतका के पिता ने बताया कि मनचाही मांग पूरी न होने के कारण लगभग पांच माह की गर्भवती बेटी गुड़िया की हत्या कर दी गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज नीरज श्रीवास्तव ने इस मामले में निर्णय सुनाया। दोषसिद्ध सिपाही योगेंद्र कुमार को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। ससुर सीताराम व सास शीला को भी 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। तीनों दोषियों को कुल 51 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया गया।
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