अनाथालय की आड़ में होता था बच्चों का सौदा, पुलिस ने किया सात लोगो को किया गिरफ़्तार
गोरखपुर क्राइम न्यूज़: तिवारीपुर के डोमिनगढ़ इलाके में बच्चा चोरी के शक में पकड़ा गया गिरोह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों का सौदा करता था। मऊ में अनाथालय चलाने वाला शेखर तिवारी इस गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। गोरखनाथ की महिला के दस महीने के बच्चे को अपने अनाथालय में लाने के बदले शेखर ने 45 हजार रुपये दिए थे। महिला और उसके बच्चे को बरामद करने के साथ ही शेखर व अन्य से पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरोह का खुलासा किया है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गिरोह में अब तक 13 आरोपियों के नाम सामने आए हैं जिसमें शेखर सहित सात को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में एक मां-बेटी भी हैं। खुलासे के बाद अब शेखर के अनाथालय की भी जांच की जाएगी। सीओ बांसगांव इस मामले की जांच करेंगी। यह पता किया जाएगा कि अब तक अनाथालय से जो बच्चे गोद दिए गए हैं, उसमें पूरी प्रक्रिया सही तरीके अपनाई गई थी या नहीं। एसपी सिटी ने बताया कि तिवारीपुर के डोमिनगढ़ पुल के पास 26 सितम्बर की रात में पब्लिक ने बच्चा चोरी के शक में स्कार्पियो सवार महिला-पुरुष सहित तीन लोगों को घेर लिया था। उनकी पहचान मऊ जिले के गोहना मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के शेखवारा गांव निवासी शेखर तिवारी और उसकी पत्नी साधना तथा चालक रियाज के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला कि शेखर मोहम्मदाबाद में एनजीओ के जरिये अनाथालय चलाता है।
बच्चे की सौदेबाजी में आठ किरदार, नौवां लुटेरा: आर्थिक तंगी के शिकार परिवार जिसके पास एक साल से कम उम्र का बच्चा हो, उसको यह गिरोह तलाशता है और फिर अच्छी परवरिश तथा अन्य तरह के लालच देकर फंसाता है। फिलहाल गोरखपुर में बच्चे के बेचे जाने की जानकारी होने पर जब मां ने विरोध किया तो गिरोह की पोल खुल गई और पब्लिक की मदद बच्चों के सौदागर पकड़ लिए गए। एसपी सिटी ने बताया कि गोरखनाथ क्षेत्र के राजेन्द्र नगर की रहने वाली शाहिदा खातून उर्फ गुड़िया ने दो साल पहले मनीष यादव नामक युवक से प्रेम विवाह किया था। शादी के एक साल बाद मनीष ने गुड़िया को छोड़ दिया तब तक वह एक बच्चे की मां बन चुकी थी। गुड़िया का बेटा अंश दस महीने का है। गुड़िया आर्थिक रूप से कमजोर है। उसे अपना और बच्चे का पेट पालना मुश्किल हो रहा है। गुड़िया ने अपनी आर्थिक तंगी की जानकारी मनीष यादव के दोस्त रहे अनिल पासवान को दी। अनिल चिलुआताल थाना क्षेत्र के झुंगिया बाजार का रहने वाला है। यहीं से बच्चे के सौदेबाजी की कहानी शुरू हो गई। अनिल ने अपने जानने वाले जितेन्द्र भारती निवासी राजेन्द्र नगर पश्चिमी को इस बारे में बताया। जितेन्द्र की परिचित बांसगांव थाना क्षेत्र के भैंसा बाजार की मूल निवासी व हाल पता एम्स के पीछे गली नम्बर पांच निवासी अनुराधा मिश्रा उर्फ गोल्डी पत्नी मनोज मिश्रा है। गोल्डी और उसकी मां पुष्पा देवी पत्नी राजेन्द्र मिश्र निवासी चंदापार थाना महुली संतकबीर नगर बच्चा गिरोह में मुख्य भूमिका निभाती हैं। जितेन्द्र ने उन्हें गुड़िया की आर्थिक स्थिति और उसके बच्चे की पूरी जानकारी दी जिसके बाद गोल्डी और उसकी मां ने गुड़िया के घर पहुंच कर बच्चे को देखा। बच्चा स्वस्थ और सुंदर था। उसने फोटो लिया और आगे भेज दिया। बच्चा सभी को पसंद आया, उसके बाद गोल्डी ने जालसाजी के लिए गुड़िया की काउंसलिंग शुरू कर दी।
उसका कहना था कि उसके पास यह बच्चा पल नहीं पाएगा, अगर वह अनाथालय को दे देती है तो वहां न सिर्फ बच्चा ठीक से पलेगा बल्कि कोई अच्छा परिवार उसे गोद भी ले सकता है। गोल्डी जब बच्चे को देखने गई तो अपने साथ मनीष मिश्र नामक युवक को भी ले गई थी, जो गिरोह का प्रमुख सदस्य है और पैथालोजी में काम करता है। उसने बच्चे की स्वाथ्य जांच के लिए खून का सैंपल भी लिया था। इन लोगों ने गगहा थाना क्षेत्र के सिहाइचपार निवासी इलियास से संपर्क किया। इलियास झोलाछाप डॉक्टर है। इलियास के जरिये अंकित मिश्रा से इनकी बात हुई थी। अंकित की शेखर तिवारी से बात हुई। इसके बाद शेखर ने बच्चे को हासिल करने के लिए 45 हजार रुपये दिए थे। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर अनिल, जितेन्द्र, अनुराधा, शेखर, अंकित, इलिया ' और पुष्पा देवी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। बच्चे और महिला को लेकर भाग निकला था लुटेरा गैंग पुलिस के मुताबिक शाहिदा खातून को इन जालसाजों ने डोमिनगढ़ पुल पर बुलाया था। उन्होंने जब शाहिदा से बच्चा ले लिया और उसके बदले 45 हजार रुपये देने लगे तभी गोरखनाथ इलाके का रहने वाला अंकुर सिंह अपने साथियों के साथ कार से पहुंच गया। अंकुर लुटेरा गैंग में शामिल है।उसने बच्चा चोर कहकर शोर मचाते हुए महिला और उसके बच्चे को अपनी गाड़ी में बैठा लिया और सहजनवां की तरफ निकल गया। पुलिस ने महिला और उसके बच्चे की तलाश शुरू की तो अंकुर ने महिला को पांच हजार रुपये देकर डोमिनगढ़ पुल के पास यह कहते हुए छोड़ दिया कि वह इस मामले में उसका नाम न शामिल करे। एसपी सिटी ने बताया अंकुर के अलावा रवि, टूनटुन, छोटू आदि उस गाड़ी में बैठे थे। उनकी भी तलाश की जा रही है।
स्कार्पियो चालक और शेखर की पत्नी को पुलिस ने छोड़ा: शेखर तिवारी 3500 रुपये के किराये पर स्कार्पियो बुक कर गोरखपुर अपनी पत्नी को डॉक्टर से दिखाने आया था। इसलिए साथ में उसकी पत्नी साधना भी थी। पुलिस की जांच में स्कार्पियो चालक रियाज की कोई भूमिका नहीं मिली, उसे छोड़ दिया गया है। वहीं शेखर की पत्नी भी गर्भवती है और इस सौदेबाजी में उसकी भी भूमिका नहीं मिली है, पुलिस ने उसे भी छोड़ दिया है।
मनीष के मोबाइल में मिली है कई बच्चों की तस्वीर: शेखर के गिरोह में शामिल और गोल्डी के खास सहयोगी मनीष के मोबाइल में पुलिस को 20 से ज्यादा बच्चों की तस्वीर मिली है। यह बच्चे किसके हैं, क्या उनकी चोरी या खरीद-फरोख्त की गई है, इसकी जांच शुरू हो गई। मनीष फरार है, उसके पकड़े जाने के बाद ही पुलिस इसकी गुत्थी सुलझा पाएगी। मनीष का यह मोबाइल गोल्डी के पास से पुलिस ने बरामद किया है।
शहर से हाल के दिनों में चोरी हुए बच्चों के बारे में भी गिरोह से पुलिस करेगी पूछताछ: हाल के महीनों में चोरी हुए बच्चों के बारे में भी अब पुलिस इन लोगों से पड़ताल करेगी। चिलुआताल इलाके से डेढ़ महीने के बच्चे को बाइक सवार महिला और पुरुष ने अगवा किया था। वहीं कैम्पियरगंज से एक बच्चा दरवाजे से खेलते समय गायब हो गया है। जबकि खजनी से एक बच्चे की चोरी की कोशिश में महिला पकड़ी गई थी। इन सभी घटनाओं के तार शेखर के एनजीओ से तो नहीं जुड़ रहे, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अब तक की जांच में पता चला है कि यह गिरोह ज्यादातर एक साल से कम उम्र के बच्चों की सौदेबाजी की कोशिश करता था।
सीओ बांसगांव करेंगी शेखर के अनाथालय की जांच: शेखर के अनाथालय से बच्चों को गोद देने की भी जांच होगी। सीओ बांसगांव को इसकी जांच सौंपी गई है। सीओ बांसगांव मऊ जाएंगी और अनाथालय से अबतक गोद दिए गए बच्चों की पूरी प्रक्रिया की जांच करेंगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शेखर का यह एनजीओ 2019 से चल रहा है और उसके अनाथालय से अब तक 20 से ज्यादा लोगों ने बच्चों को गोद लिया है।