मेरठ न्यूज़: कभी भी स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती हैं। निकाय चुनाव ही भाजपा की प्राथमिकता में शामिल हैं। इसी वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से आह्वान किया कि अपना मेयर बनाओ…तभी शहर का विकास होगा। मेयर विपक्ष का बनता है तो प्रदेश और केन्द्र सरकार की योजनाएं वार्ड स्तर पर नहीं पहुंचती हैं। एक बार नहीं, बल्कि चार दफा मुख्यमंत्री ने जनता से मेयर अपना बनाओ का आह्वान किया। इसके लाभ भी उन्होंने जनता को गिना दिये। बोर्ड अपना होगा, तभी विकास संभव हो सकता हैं। डबल इंजन की सरकार शहर के बाहरी इलाकों में ही विकास कर सकती हैं, शहर के भीतरी इलाके में विकास नगर निगम बोर्ड का अधिकार हैं। बोर्ड तय करता है कि कहां पर विकास किया जाना है और कहां पर नहीं?
दरअसल, प्रबुद्ध सम्मेलन तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सिर्फ बहाना था, लक्ष्य तो नगर निकाय चुनाव ही था। नगर निकाय चुनाव का चर्चा मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर तो नहीं किया, लेकिन घूमाकर वह सब कह गए, जिसका एजेंडा लेकर मुख्यमंत्री क्रांतिधरा पर आये थे। मेयर को कैसे बनाया जाना हैं, इसके टिप्स भी जनता को दे गए। क्योंकि मेयर विपक्ष का रहेगा तो विकास बाधित होगा, यह भी जनता को समझा गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्धारित समय से करीब एक घंटा विलंब से प्रबुद्ध सम्मेलन में पहुंचे। कुछ पार्टी नेता उनको गुलदस्ता देने के लिए वीआईपी गेट पर एंट्री करते ही लाइन लगाकर खड़े थे। वहां पर कुछ ऐसे लोग भी घूस आये, जिनके पास ही जारी नहीं हुए थे। इसको लेकर प्रशासनिक अफसर नाराज हो गए तथा बिना पास आ गए लोग भी भाजपा से जुड़े थे, जिनको फिर हटाया गया। इसको लेकर कुछ भाजपा नेता अधिकारियों पर नाराज भी हो गए, लेकिन सीएम की सुरक्षा का मामला था। सीएम की सुरक्षा में आला अफसर कैसे चूक कर सकते हैं, जिनको पास जारी नहीं हुआ, वो वीआईपी एंट्री गेट तक कैसे पहुंच गए। मंच से 20 कदम की दूरी पर ये एंट्री प्वाइंट बनाया गया था। यहीं पर सीएम के बैठने की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन सीएम जब आये तो यहां पर रुके ही नहीं। चलते-चलते लोगों का अभिवादन स्वीकार किया और सीधे मंच पर पहुंच गए।
मंच पर जाते ही जनता का अभिवादन स्वीकारा, फिर मंचासीन हो गए। इसी बीच 517 करोड़ की परियोजनाओं को लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि स्थानीय स्तर पर सरकार गठित होती हैं, जिसमें जनता की भूमिका अहम् होती हैं। स्थानीय सरकार अपनी बनाओ…फिर विकास की कल्पना भी आप नहीं कर पाएंगे, इतना विकास शहर में होगा। इस तरह से स्थानीय निकाय चुनाव का पाठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़े ही सलीके से जनता को पढ़ा गए। जनता समझ भी गई कि मुख्यमंत्री लोकल सरकार की बात कर रहे हैं, जो नगर निकाय चुनाव ही हैं। इस पर कैसे फोकस किया जाएगा, इसको भी समझा गए।
517 करोड़ का हुआ लोकार्पण: सीडीओ शशांक चौधरी ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, ग्राम्य विकास विकास विभाग समेत सभी विभागों की करीब 517 करोड़ से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण भी किया गया। इसमें नगर निगम की 85 करोड़ की 80 योजनाओं व लोक निर्माण विभाग की 31 करोड़ की छह योजनाओं का लोकार्पण भी किया। नगर निगम की योजनाओं में मोहकमपुर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सड़क निर्माण कार्य, डौरली में सड़क निर्माण, शोभापुर में इंटरलॉकिंग टाइल्स कार्य, जागृति विहार में पार्क का सौंदर्यीकरण भी शामिल है। इसके अलावा शहर में 40 से अधिक जगहों पर सड़क निर्माण कार्य भी नगर निगम की योजना में शामिल है। शहर में कई मॉडल पार्कों के कार्य का भी लोकार्पण किया गया।
भाजपा में एंट्री की सूचना गलत: बसपा के कुछ नेताओं के भाजपा में एंट्री करने की चर्चाएं थी, लेकिन ये चर्चाएं फर्जी निकली। इसमें बसपा नेता अमित शर्मा, बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डा. सुभास जाटव, योगेन्द्र जाटव के भाजपा ज्वाइनिंग करने की दिन भर चर्चा चली, लेकिन ये चर्चा मात्र अफवाह साबित हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में किसी भी बसपा नेता ने भाजपा ज्वाइनिंग नहीं की। कहा गया कि ये चर्चाएं भाजपा के कुछ लोग ही चला रहे हैं, ताकि बसपा में उठापटक बढ़ जाए। अमित शर्मा ने बताया कि बसपा छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें सम्मान दिया तथा कैंट से चुनाव लड़ाया। वह बसपा कैसे छोड़ सकते हैं, ये अफवाह चलाई जा रही हैं। उधर, डा. सुभाष जाटव का कहना है कि उनके भाजपा की सदस्यता लेने की खबर गलत हैं तथा कुछ विरोधी इस तरह की चर्चाएं चला रहे हैं। वो बसपा के सिपाही है और रहेंगे।
मुख्यमंत्री से समय न मिलने पर अधिवक्ताओं में आक्रोश: हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक अजय शर्मा ने बताया कि बुधवार को मेरठ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए हुए थे। जिनके आगमन पर हाईकोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति के अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मिलने का अनुरोध किया था। परंतु मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिनिधिमंडल से मिलने की अनुमति नहीं मिल पाई। जिस कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता समाज में रोष व्याप्त हो गया है। जिसमें केंद्रीय संघर्ष समिति की एक आवश्यक बैठक दो दिसंबर 2022 दिन शुक्रवार को पंडित नानक चंद सभागार में बुलाई गई है।
वहीं केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन गजेंद्र पाल सिंह ने बताया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच स्थापना के लिए पिछले 50 वर्षों से जनता एवं अधिवक्ता गण आंदोलनरत हैं, परंतु आज तक सरकार द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिसमें आंदोलन को जोर देने के लिए आगामी दो दिसंबर को बैठक का आयोजन किया गया है। सीएम योगी की रैली में पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रही। पुलिस को एलआईयू ने रिपोर्ट दी थी कि सीएम के सामने कुछ लोग काले झंडे दिखायेंगे। पुलिस ने सीएम के सामने काले झंडे न दिखाये जाये इस पर पूरी सतर्कता बरती। सीएम सभा के लिए बनाये गए हर गेट पर पुलिस ने ऐसे लोगों को रैली में प्रवेश करने से रोक दिया जो काले कपड़े पहनकर अंदर दाखिल हो रहे थे।
इस दौरान रैली में आये लोगों की पुलिस से काफी झड़प भी हुई, लेकिन पुलिस ने काले कपड़े पहनने वालों को अंदर नहीं जाने दिया। गेट नंबर तीन पर एसओ भावनपुर आनन्द गौतम को तैनात किया गया था। उनके साथ कई एसआई को भी लगाया गया था। इंस्पेक्टर आनन्द गौतम ने काले कपड़े पहनने वालों को वहीं बाहर गेट पर रोक दिया।