सस्ता सामान दिलाने का झांसा देकर ठगने वाला गिरोह दबोचा

Update: 2023-04-07 08:01 GMT

नोएडा न्यूज़: साइबर पुलिस टीम ने बिग बाजार, बिग बास्केट और डी मार्ट की फर्जी वेबसाइट बनाकर सस्ती दरों पर घरेलू सामान दिलाने का झांसा देकर लोगों से करोडों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. गिरोह के सदस्य क्रेडिट और डेबिट कार्ड की गोपनीय जानकारी लेकर लोगों के बैंक खातों से रुपये ट्रांसफर कर लेते थे.

साइबर हेल्पलाइन मुख्यालय के प्रभारी सर्वेश सिंह ने बताया कि आरोपियों को ग्रेनो वेस्ट से एक कार में जाते हुए पकड़ा गया. उनकी की पहचान विनीत कुमार और ध्रुव सोलंकी निवासी ऐसोटेक सोसाइटी क्रॉसिंग रिपब्लिक गाजियाबाद, गौरव तालान निवासी सी25 श्याम एन्कलेव साहिबाबाद, सलमान, संतोष मौर्य और आशुतोष मौर्य निवासी साईं लोक कालोनी छपरौला गौतमबुद्ध नगर के रूप में हुई है. आरोपियों के पास से तीन लैपटॉप, चार मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, 11,700 रुपये और एक कार बरामद हुई है. पुलिस की टीम गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है, ताकि उनके नेटवर्क को तोड़ा जा सके. पुलिस उनके आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी जुटा रही है.

दो साल में देशभर के हजारों लोगों से करोड़ों ऐंठे पुलिस के मुताबिक यह गिरोह पिछले करीब दो साल से सक्रिय था और हजारों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है. साइबर हेल्पलाइन की टीम की जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने देशभर में अपना नेटवर्क फैला रखा था. अब भी गिरोह के लोग इस धंधे में लगे हैं. पुलिस की टीम पकड़े गए आरोपियों के माध्यम से फरार आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है.

घर बैठे कर रहे थे ऑनलाइन जालसाजी साइबर हेल्पलाइन प्रभारी के मुताबिक यह गिरोह घर बैठकर ऑनलाइन ठगी का धंधा चला रहा था. पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने कोई स्थानीय ठिकाना नहीं बना रखा था. देशभर में अलग-अलग जगह पर बैठकर यह गिरोह लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था.

किराए पर लेते थे बैंक अकाउंट पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ठगी की रकम को हड़पने के लिए किराए पर बैंक खाता लेते थे. वे आम आदमी से संपर्क कर उसे रुपये देने का लालच देकर उसका बैंक अकाउंट लेकर लेनदेन करते थे. पता चला है कि आरोपियों ने 20-20 हजार रुपये में काफी लोगों से किराए पर अकाउंट ले रखे थे, जिनमें ठगी का पैसा ट्रांसफर किया गया. आरोपी इन खातों से रुपये निकालकर ऐश करते थे.

ऐसे अपने खातों में रकम भेजते थे आरोपी: पुलिस के मुताबिक यह गिरोह फर्जी वेबसाइट तैयार कर ऐपीके फाइल बनाता है. फर्जी खाते बनाकर फेसबुक ऐड चलाता है, जिसमें वेबसाइट का लिंक होता है, जिस पर ग्राहक सस्ती दरों पर सामान खरीदने के लिए अपना आर्डर कंफर्म करते हैं. इसमें ग्राहक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, पेमेंट डिटेल जैसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर, एक्सपायरी डिटेल ईमेल होता है. इसके बाद आरोपी ग्राहक को ऐपीके फाइल भेजते हैं, जिसमें मैसेज फॉरवर्ड होता है. इसके द्वारा ग्राहक के मोबाइल पर आने वाले सभी एसएमएस आरोपियों को प्राप्त हो जाते हैं. आरोपी ग्राहकों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड से फोनपे/ पेटीएम/ क्रेड आदि पेमेंट गेटवे के माध्यम से पैसा फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर निकाल लेते हैं.

साइबर ठगी होने पर 1930 पर कॉल करें: साइबर सेल हेल्पलाइन मुख्यालय के प्रभारी ने बताया कि यदि आप ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं तो आपको सबसे पहले साइबर क्राइम की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करना है. जैसे ही आप इस नंबर पर कॉल करेंगे तो घटना के बारे में जानकारी ली जाएगी. इसके बाद शिकायत रजिस्टर हो जाएगी. इसके बाद संबंधित पुलिस थाने में संपर्क करें. पुलिस थाने में भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

ये सावधानी बरतें:

● किसी भी ऑफर के लालच में न आएं, अनजान व्यक्ति से फोन पर बात करते वक्त बहकावे में न आएं

● अच्छी तरह जांच करने के बाद ही किसी भी बैंक खाते में राशि डालें

● फेसबुक, ट्विटर आईडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें

● अनजान व्यक्ति के कहने पर मोबाइल पर कोई भी ऐप डाउनलोड न करें

● बैंक अकाउंट की जानकारी किसी अजनबी के साथ शेयर न करें

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