नोएडा न्यूज़: देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में भी नौकरी लगवाने का झांसा देकर सौ से अधिक लोगों के साथ ठगने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को दबोच लिया.
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि बीते दिनों गिरोह के सदस्यों ने निवासी एक व्यक्ति से विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी की थी. पीड़ित ने मामले की शिकायत थाने में की थी. सूचना पर पुलिस ने बरेली निवासी राजवीर सिंह, गढ़वाल निवासी नितिन, ग्रेटर नोएडा निवासी निकेतन और खुर्जा निवासी रिंकू को लेबर चौक के पास से गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्त में आए आरोपी गेझा, भंगेल और सेक्टर-55 में रहकर गिरोह को संचालित कर रहे थे. नौकरी के इच्छुक लोगों के तलाशने के लिए शातिरों ने कई एजेंट बनाए हुए थे जिन्हें ठगी की रकम का दस प्रतिशत मिलता था. इस गिरोह का सरगना राजवीर है. जिसने अपना मुख्य कार्यालय शक्तिखंड-चार इंद्रापुरम गाजियाबाद में बना रखा है. आरोपी विभिन्न साइटों क्विकर और ओएलएक्स आदि की मदद से बेरोजगार युवकों का बायोडाटा प्राप्त कर उन्हें देश के विभिन्न राज्यों समेत विदेशों में अच्छी नौकरी का सपना दिखाकर ठगी का शिकार बना रहे थे.
खाड़ी के देशों में भेजने का देते थे झांसा खाड़ी के देशों में नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपी ठगी करते थे. वीजा और पासपोर्ट बनवाने के नाम पर आरोपी बेरोजगारों से पैसा लेते थे और नियमित अंतराल के बाद दफ्तर बंद कर फरार हो जाते थे.
दस दिन में बदलते थे सिम
आरोपी आठ से दस दिन में सिम बदल देते थे ताकि मोबाइल की लोकेशन न मिले. स्मार्ट फोन के अलावा आरोपी सामान्य फोन का भी इस्तेमाल ठगी के लिए करते थे. रिंकू ने कुछ समय पहले मनी ट्रांसफर करने वाले से पांच लाख की ठगी की थी. आरोपियों ने सौ से अधिक लोगों के साथ ठगी की है. आरोपी दस हजार से दो लाख रुपये तक लेते थे.
फर्जी नियुक्ति पत्र भेजते थे
प्रारंभिक चरण में आरोपी नौकरी के इच्छुक लोगों से आठ से दस हजार रुपये लेते थे और 45 दिन के अंदर नौकरी लगवाने की बात कहते थे. इस दौरान साक्षात्कार और रजिस्ट्रेशन सहित अन्य चीजों का हवाला देकर रकम ली जाती थी. आरोपी पेशेवर तरीके से साक्षात्कार लेते थे और कुछ समय बाद ही उन्हें संबंधित कंपनी का फर्जी नियुक्ति पत्र सौंप देते थे.