अम्बेडकरनगर। अंबेडकरनगर में भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर लाठीचार्ज के बाद जेल में बंद प्रदर्शनकारियों से मिलने जिला कारागार पहुंचे। हालांकि कारागार के बाहर पहले से मौजूद प्रशासन ने उन्हें बंदियों से मिलने की अनुमति नहीं दी। कारागार के मुख्य गेट पर प्रशासन ने अपनी गाड़ियों को लगाकर बैरिकेडिंग कर दी। जिले की जलालपुर तहसील के वाजिदपुर कस्बे में 6 नवम्बर को अम्बेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने को लेकर विवाद हो गया था। महिलाओं ने प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। इस दौरान उपद्रव होने पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। लाठीचार्ज के बाद 6 महिलाओं सहित 7 प्रदर्शनकारियों को जेल भेज दिया गया था।
इसी मामले में जेल में बंद प्रदर्शनकारियों से मिलने भीम आर्मी चीफ जिला कारागार पहुंचे। करीब एक घन्टे तक भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की पुलिस से नोकझोंक चलती रही। अंत में अनुमति न मिलने पर चंद्रशेखर यहां से लौट गए। इसके बाद वह जलालपुर वाजिदपुर पहुंचे। लाठीचार्ज में घायल पीड़ित के परिजनों से मुलाकात की।चंद्र शेखर ने कहा की हम जेल मैनुअल के तहत ही मिलने आए थे। पहले हमें समय दिया गया। परमीशन दी गई, बाद में जब पता चला कि भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर आ रहे हैं, तो प्रशासन ने मिलने से रोक दिया। जिससे हम पीड़ितों का दुख-दर्द नहीं बांट सके। ऐसा इसलिए किया गया, जिससे पुलिस के अत्यचारों को मैं न जान सकूं। उन्होंने कहा कानून सबके लिए होता है, उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने महिलाओं पर लाठीचार्ज किया।