केन्द्र सरकार का सोलर रूफटॉप प्लांट के लिए पहले वर्ष एक लाख घरों का लक्ष्य

Update: 2022-10-27 11:16 GMT

मेरठ न्यूज़: अगस्त माह के अंत में लॉन्च की गई केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी सोलर रूफटॉप स्कीम 2022-23 द्वितीय चरण के लिए पश्चिमांचल में अभी तक करीब 550 उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है। इस चरण में पश्चिमांचल के 14 जिलों के लिए कुल लक्ष्य 60 प्रतिशत तक घटाकर पांच मेगावाट कर दिया गया है। योजना के प्रथम चरण में पश्चिमांचल के लिए यह लक्ष्य12 मेगावाट रखा गया था, लेकिन इसके सापेक्ष महज 2.4 मेगावाट की पूर्ति की जा सकी थी। यूपीनेडा के प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रमोद भूषण शर्मा ने बताया कि 31 अगस्त से शुरू किए गए योजना के दूसरे चरण के अंतर्गत पहले एक वर्ष में प्रदेश भर के एक लाख उपभोक्ताओं को इस योजना का लक्ष्य है, जबकि आगामी पांच वर्ष में यह लक्ष्य 15 लाख घरों का रखा गया है। यह योजना केंद्र सरकार के जरिये देश में अक्षय ऊर्जा का उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत घरेलू प्रयोग के छतों पर सोलर पैनल लगाने की सुविधा मुहैया कराई जाती है। उपभोक्ताओं को छतों प्रदान करने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया। जिसके तहत कोई भी नागरिक अपनी छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं। पैनल लगाने के लिए 10 वर्ग मीटर स्थान में एक किलोवाट का प्लांट लगाया जा सकता है। पैनल का लाभ 25 सालों तक उठाया जाएगा। सोलर पैनल की लागत लगभग 5-6 सालों में पूरी हो जाती है।

जिसके बाद लोग 19 से 20 साल तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार की ओर से न्यूनतम दो किलोवाट या इससे अधिक के प्लांट पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी फिक्स की गई है। जबकि केन्द्र सरकार की ओर से इसके अलग अलग स्लेब निर्धारित हैं। जिसमें तीन किलोवाट तक 14580 रुपये प्रति किलोवाट सब्सिडी देय होगी। इससे अधिक चार से 10 किलोवाट तक 7294 रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी केन्द्र की ओर से दी जाएगी। इससे अधिक के प्लांट पर अधिकतम 94 हजार रुपये तक का अनुदान देय होगा।

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