मेरठ विकास प्राधिकरण बनाएगा कैटल कॉलोनी, प्रस्ताव तैयार करने में लग गया पांच वर्ष का समय
मेरठ: महानगर में कैटल कॉलोनी को लेकर अभी तक ऊहापोह कि स्थिति बनी हुई थी। आखिर कौन बनाएगा कैटल कॉलोनी? यह तय नहीं हो पा रहा था। यह मामला नगर निगम और एमडीए के बीच ही फुटबॉल बना हुआ था। अब मेरठ विकास प्राधिकरण ने उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में दायर जनहित याचिका को लेकर एमडीए ने कैटल कॉलोनी बनाए जाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।
दरअसल, एमडीए को प्रस्ताव तैयार करने में कैटल कॉलोनी का पांच वर्ष लग गए। इस तरह से तो कैटल कॉलोनी विकसित करने में 15 साल लगेंगे। शहर की जनता को अभी 15 साल और इंतजार करना होगा। दरअसल, पांच साल पहले कैटल कॉलोनी का मुद्दा उठा था तथा शहर में जो डेरिया चल रही है, उनको कैटल कॉलोनी में शिफ्ट करने के लिए मांग उठी थी, लेकिन कैटल कॉलोनी एमडीए और नगर निगम बना कर दे ही नहीं पाया। लोकेश खुराना ने कैटल कॉलोनी को लेकर उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की थी।
इसमें स्टेट आॅफ यूपी को 2018 में पार्टी बनाया गया था, जिसमें कैटल कॉलोनी बनाने के आदेश लखनऊ खंडपीठ ने दिए थे, लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई कैटल कॉलोनी शहर में नहीं बन पाई। अब मेरठ विकास प्राधिकरण की तरफ से एक प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसमें कैटल कॉलोनी बनाने की बात कही गई हैं। नगर निगम के अनुसार शहर में 811 डेयरी संचालित है, जिनमें पशुओं की संख्या 11760 बताई गई है।
नंगला पातु की भूमि पर बनेगी कैटल कॉलोनी
एक वर्ष में विकसित होगी कॉलोनी
प्रस्तावित कैटल कॉलोनी का क्षेत्रफल 22770.00 वर्ग मीटर
भूमि का कुल मूल्य सर्किल दर का चार गुणा अनुमानित रुपये 10.93 करोड़
पहुंच मार्ग की चौड़ाई 12 मीटर
विकास कार्यों पर जो व्यय धनराशि होगी उसकी कुल धनराशि अनुमानित 5.5 करोड़
चार गुणा सर्किल दर देने के बाद 13582.00 प्रति वर्ग मीटर बैठता है