दो आरोपियों के खिलाफ 2.66 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी में मुकदमा दर्ज
एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई थी
इलाहाबाद: जीएसटी चोरी के मामले में में दूसरी बार दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा कायम हुआ है. आरोपी पीलीभीत और अलीगढ़ के हैं. तीन साल पहले राज्यकर विभाग की ओर से पहला मुकदमा कायम कराया गया था, जिसमें एक आरोपी की गिरफ्तारी हुई थी. 14.81 करोड़ का माल बेचकर 2.66 करोड़ रुपये की आईटीसी लेने का मामला पकड़ में आया है.
वास्तविक कार्यस्थल पर कोई फर्म नहीं मिली: राज्यकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर एसआईबी गुलाब चंद्र ने बताया कि कृष्ण एंटरप्राइजेज आगरा रोड गंभीरपुरा की जांच मार्च 2024 में की गई थी. वास्तविक कार्यस्थल पर कोई फर्म नहीं मिली थी. वहां पर मकान में कुछ लोग रहते मिले. मकान मालिक की ओर से तीन फर्मों को किरायानामा दिया गया था, लेकिन पूछताछ में यह बताया था कि वह किसी को नहीं जानते हैं. सासनी गेट थाने में इसको लेकर तहरीर दी गई थी. 2024 को श्रीकृष्ण एंटरप्राइजेज से श्रीकृष्ण पुत्र देवीप्रसाद निवासी सिंघारा उर्फ तातरगंज पूरनपुर पीलीभीत और सोनूराज वाल्मीकि पिता स्व. राजकुमार निवासी कृष्णापुरी मठिया कालीदह रोड गंभीरपुरा सासनी गेट के खिलाप धारा 420, 467, 468, 471 में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. असिस्टेंट कमिश्नर एसआईबी रेंज ए डा. अभिषेक कमार सिंह की ओर से तहरीर दी गई थी. जेसी एसआईबी रेंज बी गुलाब चंद्र व जेसी एसआईबी रेंज ए सत्येंद्र गौतम ने बताया कि मामले में पुलिस पूछताछ करेगी या फिर मामला आईडबल्यूएस मेरठ को रेफर कर सकती है.
तीन साल पहले हुई थी पहली गिरफ्तारी: 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद करापवंचन के मामले में दूसरी एफआईआर हुई है. पहली एफआईआर अलीगढ़ में एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर रहे आरपीएस कौंतेय ने कराई थी जो अब ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर प्रमोट हो चुके हैं. इसमें एक आरोपी गिरफ्तार भी हुआ था. नौकरों के नाम से फर्जी बनाकर करोड़ों की आईटीसी हड़प ली थी. वर्तमान मामले में भी कहानी समान है. यहां पर भी फर्जी दस्तावेज लगाकर 14.81 करोड़ के माल की बिक्री दिखाई गई और 2.66 करोड़ रुपये सरकार से वापस ले लिए गए.