कानपूर: यह दो मामले जिले में बने राशन कार्ड से गरीबों का अनाज डकार रहे लोगों की नजीर हैं. आपूर्ति विभाग ने जब एक अप्रैल से 30 जुलाई का सर्वे कराया तो सभी के होश उड़ गए. गरीब राशन के लिए तरस रहा है. वहीं सरकारी नौकरी, कार और विदेश जा चुके लोग मुफ्त राशन खा रहे हैं. सालों से इनको मुफ्त में राशन मिल रहा है. फिर भी किसी को भनक तक नहीं लगी. अब इन सभी के राशन कार्डों को निरस्त किया गया है. लगातार जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.
गांवों से ज्यादा शहर में फर्जीवाड़ा राशन कार्डों में चल रहा फर्जीवाड़ा गांवों से ज्यादा शहर में है. इसमें अफसरों की कृपा से खुलेआम अपात्र को राशन मिल रहा है. जांच में शहर के सात हजार और गांव के 59 राशन कार्ड अपात्र मिले हैं. शहर में 22630 सदस्य और गांव में 172 सदस्य अपात्र मिले हैं. ऐसे में शहर में राशन कार्ड बनाने में बड़ी लापरवाही बरती गई है. आंख बंद करके राशन कार्डों की रिपोर्ट लगा दी. इसी तरह से जांच में 102 कार्डधारक ऐसे मिले जिनकी मौत हो चुकी है.
● सालों से ले रहे मुफ्त अनाज किसी को भनक तक नहीं लग सकी
रामबाग निवासी रामदुलारी के परिवार में छह सदस्य हैं. उनका बेटा बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक है. इसके बावजूद परिवार के छह सदस्यों के नाम पर राशन जा रहा है. सत्यापन में शिक्षक होने की जानकारी होने पर उनका राशन कार्ड अपात्र करके निरस्त किया गया.
पकड़े जाने के डर से 61 ने किया सरेंडर
जिले में आपूर्ति विभाग के चल रहे सत्यापन में कई फर्जी राशन कार्ड बनवाएं लोग डर भी गए हैं. इसलिए सत्यापन खत्म होने से पहले शहर में 57 राशन कार्ड और 176 ने सरेंडर कर दिया. राशन कार्ड निरस्त हो चुका है.
सबसे ज्यादा फर्जी कार्ड जूही व नवाबगंज में बने
सबसे ज्यादा अपात्र राशन कार्ड जूही में मिले हैं. इसके बाद नवाबगंज और कृष्णा नगर इलाके में मिले हैं. सबसे ज्यादा अपात्र सदस्य भी जूही में ही हैं. सिर्फ आचार्य नगर, बिठूर और घाटमपुर में एक भी अपात्र नहीं है.
बिल्हौर निवासी सरजू प्रसाद के परिवार में आठ सदस्य हैं. सभी सरकारी राशन ले रहे हैं. आपूर्ति विभाग ने सत्यापन किया तो उनके पास तीन बीघा खेती मिली. बेटों के पास दो कारें व मोटरसाइकिल भी हैं. फिर भी सभी निशुल्क राशन ले रहे हैं. अब राशन कार्ड अपात्र मिलने पर उसे निरस्त किया गया है.
सत्यापन में अपात्र, दो जगह से राशन ले रहे, मरे हुए, विस्थापित व सरेंडर करने वाले कार्डधारकों को हटा दिया गया है. जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे पात्र व्यक्ति को ही राशन मिले. -राकेश कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी
लोग कई शहरों में ले रहे राशन
सत्यापन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की जानकारी मिली है. कई लोग तो दो-दो जिलों से राशन ले रहे हैं. वह कानपुर के साथ ही अन्य जिलों से भी राशन उठा रहे हैं. शहर में 1761 कार्ड और 7017 सदस्य डुप्लीकेट पाए गए हैं. वहीं गांव में 493 कार्ड और 1678 सदस्य डुप्लीकेट मिले. यह सभी कई जिलों से राशन उठा रहे हैं. इनका आधार नंबर कानपुर संग अन्य जिलों के राशन कार्डों में लगा हुआ है.