मेरठ न्यूज़: कैंट बोर्ड में टेंडर प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों को लेकर आखिर शनिवार को कैंट बोर्ड के अधिकारी बैकफुट पर आ गए। अधिकारियों ने जिस ठेकेदार को टेंडर प्रक्रिया से आउट कर दिया था, आखिर उसको शनिवार को एक ई-मेल भेजकर टेंडर प्रक्रिया में वापसी कर दी गई हैं। दरअसल, कैंट बोर्ड गांधी बाग में कैंटीन, साइकिल स्टैंड, नैय्यर पैलेस के सामने वाहनों की पार्किंग, तहबाजारी के टेंडर के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी।
ये तमाम निविदाएं आॅनलाइन मांगी गई। बड़ी तादाद में आॅनलाइन निविदाएं ठेकेदारों ने लगाई, लेकिन इसमें घालमेल चल रहा था, जिसके चलते व्यापक स्तर पर अनियमितता की गई। इस मामले की कुछ लोगों ने शिकायत सीबीआई के आॅफिस तक में कर दी। मामला हाईलाइट हुआ तो कैंट बोर्ड के अधिकारी शनिवार को बैकफुट पर आ गए। कैंट बोर्ड आॅफिस से जो ठेकेदार निविदाओं की प्रक्रिया से आउट कर दिये गए थे,
उनको ई-मेल भेजकर फिर से टेंडर प्रक्रिया में एंट्री दे दी गई। ऐसा ही एक पत्र उमेश कुमार को ई-मेल से मिला है, जिसमें तहबाजारी, वाहनों की पार्किंग व अन्य निविदाओं में शामिल होने के लिए फिर से बुला लिया गया हैं। अब देखना है कि दो दिन पहले जिन निविदाओं से ठेकेदार को आउट कर दिया गया था, उनमें फिर दो दिन बाद मेल भेजकर टेंडर प्रक्रिया में इन ठेकेदारों को फिर से शामिल कर दिया। इससे स्पष्ट है कि कैंट बोर्ड में आॅनलाइन टेंडर प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर घालमेल किया जा रहा है।