खांसते-खांसते हाल बेहाल समझ नहीं आ रहा मर्ज

Update: 2023-03-17 13:33 GMT

मेरठ न्यूज़: मौसम बदलने के साथ वायरल संक्रमण की वजह से मरीजों की 15 दिन से ज्यादा होने के बाद खांसी ठीक नहीं हो रही है.

मरीज चिकित्सकों से पूछ रहे है कि खांसते-खांसते इतने दिन हो गए यह ठीक क्यों नहीं हो रही है. चिकित्सकों का कहना है कि यह कौन सा वायरस संक्रमण है, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन बुखार, खांसी में दवाओं के बाद भी देर से आराम हो रहा है. बाजार में कफ सीरप की डिमांड बढ़ गई है.

कोई सैंपल जांच को नहीं आया मेडिकल माइक्रोबॉयोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि लैब में इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) सैंपल की जांच की सुविधा उपलब्ध है. अभी तक कोई सैंपल जांच के लिए मेडिकल लैब नहीं पहुंचा है.

सर्तक रहे, सावाधानी बरतें इस वायरस का सबसे ज्यादा खतरा चार वर्ष से लेकर 60 वर्ष के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं में ज्यादा है. हांगकांग इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) से छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

ज्यादा घातक नहीं है यह वायरस

सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि यह वायरस ज्यादा घातक नहीं है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जिलों को अलर्ट जारी कर दिया है. सरकारी अस्पतालों में इन्फ्लुएंजा के मरीजों के इलाज, जांच और दवा का इंतजाम उपलब्ध हैं. सीने में दर्द, सांस फूलने, रक्तचाप का कम होना, कफ में खून आने, नाखूनों के नीले पड़ने की स्थिति में तत्काल जांच कराने और अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी गई है.

बिना जांच के टेमी फ्लू दवा न दी जाए. जांच में पुष्टि के बाद भी इन्फ्लुएंजा (एच3एन2) की दवा दें. बिना पुष्टि दवा देने पर अगर बच्चा बाद में इन्फ्लुएंजा संक्रमण में आता है तो टेमी फ्लू रजिस्टेंट बना लेगी.

डॉ. अशोक तालियान, मंडलीय सर्विलांस अधिकारी स्वास्थ्य विभाग

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