‘टाटा’ की तरह बनेगा कैंसर संस्थान
कैंसर संस्थान प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ: चक गजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान को मुंबई के टाटा कैंसर संस्थान की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. इस संबंध में कैंसर संस्थान व टाटा के अफसरों के बीच कई चक्र की बैठक हो चुकी है. इसका प्रस्ताव संस्थान प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को भेज दिया है. यह सुविधा अगले माह शुरू हो सकती है.
कैंसर संस्थान में लगातार इलाज की सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. मौजूदा समय में करीब 250 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. इनमें जनरल व आईसीयू बेड शामिल हैं. रोजाना लगभग 200 नए-पुराने मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए संस्थान को मुंबई टाटा की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. इसके तहत पेड ओपीडी संचालित की जाएगी. इनकी भर्ती, ऑपरेशन से लेकर जांच की व्यवस्था अलग होगी. इसके शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है. मरीजों के इलाज से होने वाली आय का कुछ हिस्सा डॉक्टर-कर्मचारियों को भी दिया जाएगा, जबकि जनरल मरीजों की ओपीडी व भर्ती आदि का शुल्क पूर्व की भांति चलता रहेगा. अधिकारियों का कहना है कि जनरल मरीजों का ओपीडी पंजीकरण एक बजे तक होता है. उसके बाद पेड ओपीडी का पंजीकरण होगा. मरीज की रजामंदी के बाद पेड इलाज की सुविधा दी जाएगी.
लगातार बढ़ रहे मरीज संस्थान में गुजरे करीब एक माह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि नई मशीनें लगाई जा रही हैं. साफ-सुथरे वातावरण में इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.
पलायन रुकेगा
प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के बदले डॉक्टरों को एनपीए दिया जाता है. संस्थान में डॉक्टर को तनख्वाह संग पेड इलाज की व्यवस्था से होने वाली आय का हिस्सा भी दिया जाएगा. इससे डॉक्टरों का प्राइवेट प्रैक्टिस से मोह भंग होगा. साथ ही पलायन भी रुकेगा.
टाटा कैंसर संस्थान की तर्ज पर कैंसर संस्थान को विकसित करने की योजना है. सामान्य मरीजों का इलाज किसी भी दशा में प्रभावित नहीं होगा. पेड इलाज की व्यवस्था के बारे में मरीज व तीमारदार को पूरी जानकारी दी जाएगी. डॉ. आरके धीमन, निदेशक, कैंसर संस्थान