नोक झोंक के बीच 517 करोड़ का बजट पास, छह माह बीतने के बाद बोर्ड बैठक में प्रस्तावित बजट को मंजूरी
उत्तरप्रदेश | हल्की नोक झोंक, आरोप प्रत्यारोप के बीच नगर निगम बोर्ड की बैठक में 517.60 करोड़ का बजट पास कर दिया गया. फरवरी में यह बजट पास होना चाहिए जो छह महीने बाद पास हुआ. अक्टूबर में पुर्नरीक्षित बजट पुन आएगा. पार्षदों ने सदन की शहर की स्थिति पर आईना दिखाया. वहीं आउट सोर्सिंग कर्मियों का बढ़ा हुआ वेतनमान का प्रस्ताव ध्वनिमत से पास कर दिया गया.
महापौर विनोद अग्रवाल और नगर आयुक्त संजय चौहान ने बताया कहा कि मेरठ और गाजियाबाद के बाद मुरादाबाद तीसरा नगर निगम हो गया जहां आउट सोर्सिंग कर्मियों को कर्मियों को अब बढ़ा हुआ वेतनमान मिलेगा. ईपीएफ, ईएसआई भत्तों समेत सभी कटौतियों को शामिल करते हुए 14300 रुपए वेतनमान पास किया गया. पूर्व में जहां कटौती के बाद जहां 10500 के आसपास मिलता था अब करीब12500 रुपए मिलेगा. बोर्ड बैठक में व्यय का ब्योरा देते वक्त वार्ड 21 के पार्षद विवेक शर्मा ने उस वक्त निगम के सफाई के दावों की पोल खोल दी जब निगम अफसर बता रहे थे कि 166.27 लाख खर्च हुए हैं. विवेक ने कहा कि कैसी नाला सफाई हुई है उन्होंने कुछ तस्वीरों समेत पूरी फाइल मेयर, नगर आयुक्त को सौंपी जो दुर्दशा की कहानी बयां कर रहीं थीं. इसी तरह निगम में कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष डा.गौरव श्रीवास्तव ने 198 कार्यों के पूरा होने दर्शाने पर सवाल उठाए. बजट पर चर्चा के दौरान कुछ पार्षदों ने और देहात विधायक नासिर कुरैशी ने सड़कों की दुर्दशा, चोक नाले, साफ सफाई नहीं होने, स्ट्रीट लाइट खराब होने और सीवर लाइन से होने वाली दुर्दशा के मुद्दे को प्रमुखता से रखा. बजट में वेतन पर 178.74 करोड़ रुपए खर्च होंगे. बैठक में एमएलसी डा. जयपाल सिंह व्यस्त, एमएलसी गोपाल अंजान, मुरादाबाद देहात विधायक नासिर कुरैशी, भाजपा पार्षद दल के नेता सुरेंद्र विश्नोई, कांग्रेस से अनुभव मेहरोत्रा, सपा से इकबाल व शीरीगुल समेत सभी पार्षद व कर्मी मौजूद रहे.
नगर निगम में उठे ये मुद्दे
● टूटी सड़कों की मरम्मत जल्द कराएं
● सीवर लाइन डालने का काम भी समय सीमा में पूरा करें.
● बंदर और कुत्तों को पकड़वाने का इंतजाम किया जाए.
● ड्रेनेज सिस्टम को जल्द दुरुस्त हो.
● कंट्रोल रूम में सभी शिकायतों का निस्तारण हो
● जहां नालियां चोक हैं वहां तत्काल काम करवाएं.
● साफ सफाई का प्रबंध पूरा हो.
● स्ट्रीट लाइट की समस्या का समाधान तत्काल किया जाए.
बजट का आय पक्ष (लाख में )
मुख्य मद धनराशि
भवन कर 3800
जलकर 2200
स्टांप 17
सीवर कर 6
योग 6823
किराए से 26
लाइसेंस फीस 1058
किराया 100
अनुदान 26226
बजट का व्यय पक्ष (लाख में )
मद धनराशि
वेतन 17874
प्रशासनिक व्यय 1312
विद्युत बिल 100
जलापूर्ति 800
जल निकासी 10
नाला सफाई 200
प्रकाश सामग्री 400
सड़क निर्माण 4500
नाला निर्माण 150
सीवर लाइन रख रखाव 100
अवस्थापना निधि 1553
कालोनी स्थानांतरण 600
कुत्ते-बंदरों की समस्या भी सदन में गूंजी
कुत्ते बंदरों के आतंक का मुद्दा भी गूंजा. पार्षद देश रतन कत्याल ने कहा निगम अखिर बंदर कुत्तों को क्यों नहीं पकड़वा रहा. सड़कें व सीवर का नगर निगम कंट्रोल रूम में शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो.