लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर एक बार फिर स्थिति साफ करते हुए कहा है कि वह न तो ‘एनडीए’ और न ही ‘इंडिया’ के साथ जाएगी. वह यूपी में लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. उन्होंने कार्यकर्ता से कहा कि अभी से ही चुनावी तैयारियों में जुट जाएं.
मायावती लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर राष्ट्रीय और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं. बैठक में राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद, मायावती के भाई व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार और राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र आदि विशेष रूप से शामिल हुए. बैठक में सबकी निगाह मायावती के अगले कदम पर थी, यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वह कोई बड़ी घोषणा कर सकती हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया.
गठबंधन से हमेशा नुकसान हुआ बसपा सुप्रीमो ने कहा कि गठबंधन कर लाभ के बजाय हमेशा पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है. बसपा का वोट स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन उनका हमारे उम्मीदवारों को वोट दिलाने की नीयत सही नहीं रहती है.
बड़ी रैलियां नहीं, छोटी-छोटी बैठकें मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी रैलियों की बजाय छोटी-छोटी बैठकें करने की सलाह पदाधिकारियों को दी. खर्चीले और नुमाइशी कार्यक्रमों के बजाय छोटी-छोटी बैठकें कर अपने कॉडर को गांव-गांव में मजबूत बनाएं.
फिर मंडलीय व्यवस्था बसपा सुप्रीमो ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए एक बार फिर जोनल व्यवस्था को समाप्त करते हुए मंडलीय व्यवस्था की है. हर मंडल का अलग-अलग प्रभारी बनाया गया है. यह प्रभारी से तीन दिनों तक जिलों में जाकर बूथ गठन की समीक्षा करेंगे.
भतीजे को दिया आर्शीवाद की बैठक में सबसे खास रहा भतीजे आकाश आनंद को सभी के सामने बुलाकर आर्शीवाद देना. आकाश इन दिनों राजस्थान में पदयात्रा कर रहे हैं. उन्हें इस बैठक के लिए विशेष रूप से बुलाया गया और सभी के सामने प्रस्तुत किया गया. पार्टी के अंदर इसके मायने तलाशे जा रहे हैं. पार्टी से जुड़े कुछ बड़े नेताओं का कहना है कि भविष्य में वह पार्टी के प्रमुख चेहरा हो सकते हैं.