बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी
संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी
उत्तर प्रदेश बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावाती ने बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर सोमवार को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुजन समाज को गुलामी और लाचारी के जीवन से निकाल उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने में उनकी बड़ी भूमिका है। सोमवार को लखनऊ स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में मायावती ने पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ कांशीराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बामसेफ, डीएस-4 एवं बहुजन समाज पार्टी के संघर्ष से जुड़े देश भर में उनके अपार अनुयाईयों को, परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को जीवित रखने वाले, मान्यवर कांशीराम की आज पुण्यतिथि पर उनको शत्-शत् नमन व अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित।
मायवती ने कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त कर बहुजन समाज को गुलामी और लाचारी के जीवन से निकाल उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने हेतु अपना जीवन व सब कुछ बीएसपी मूवमेन्ट को न्योछावर करने के उनके संघर्ष से यूपी में बीएसपी की चार बार सरकार बनी व यहां सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति की मजबूत नींव पड़ी। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुजन नायक मान्यवर श्री कांशीराम जी को पूरे देश में बीएसपी के लोगों द्वारा तहेदिल से स्मरण तथा बाबा साहेब के रुके कारवां को गति देने के ऐतिहासिक कार्य के लिए उन्हें अपार श्रद्धा-सुमन अर्पण तथा कांशीराम जी आपका मिशन अधूरा, बीएसपी करेगी पूरा’को लेकर संघर्ष जारी रहेगा।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में मायावती ने कहा कि कांशीराम के संघर्ष की बदौलत ही बसपा उत्तर प्रदेश में चार बार सत्ता में आई। बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘…बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के स्वाभिमान आंदोलन को जीवित रखने वाले मान्यवर कांशीराम जी को आज उनकी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।’’ मायावती ने कहा, ‘‘उन्होंने (कांशीराम ने) ‘बहुजन समाज’ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। उनके संघर्ष के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा की चार बार सरकार बनी और सामाजिक परिवर्तन एवं आर्थिक मुक्ति की मजबूत नींव रखी गई।
मायावती ने कहा कि देशभर में बसपा के लोग ‘‘बहुजन नायक’’ को याद करते हैं और पार्टी कांशीराम के मिशन को पूरा करेगी, जिसके लिए संघर्ष जारी है। पंजाब के रूपनगर में 15 मार्च 1934 को जन्मे कांशीराम ने पिछड़े वर्गों के उत्थान और राजनीतिक एकजुटता के लिए काम किया। उन्होंने 1971 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएस-4), अखिल भारतीय पिछड़ा (एससी/एसटी/ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (बीएएमसीईएफ) और 1984 में बीएसपी की स्थापना की। नौ अक्टूबर 2006 को दिल्ली में उनका निधन हो गया। कांशीराम 1996 से 1998 तक पंजाब के होशियारपुर से और 1991 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के इटावा से लोकसभा सांसद रहे। वह 1998 से 2004 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे।