अमरोहा। आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव भीमा सुल्तानपुर में शुक्रवार की रात हुई हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने आरोपी भाई को गिरफ्तार कर आलाकत्ल बरामद कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि जमीन की बिक्री के पैसों का बंटवारा न करने और पत्नी से अवैध संबंधों के चलते ही राजेंद्र को मौत के घाट उतार दिया और घर में ही पशुशाला के पास में शव मिट्टी में दबा दिया।
28 अप्रैल की सुबह नरेश व केशव गांव में अपने भाई राजेंद्र को लापता बताकर उसकी तलाश कर रहे थे। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी निरीक्षक वरूण कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे । राजेन्द्र सिंह की 11 वर्षीय पुत्री चांदनी ने पुलिस को बताया कि मेरे पापा की हत्या कर घर में बने कूड़े के ढेर में दबा दिया है। पुलिस ने गड्ढे को खुदवा कर राजेन्द्र के शव को बरामद कर लिया था। मृतक की पत्नी होशियारी देवी पुलिस को तहरीर दी गयी थी। रविवार को खुलासा करते हुए थाना आदमपुर पुलिस ने हत्या में नरेश उर्फ नागेश पुत्र मोहन निवासी ग्राम भीमा सुल्तानपुर को नया गांव सांथलपुर में पनीर की फैक्ट्री के पास से गिरफ्तार किया।
जिसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल (फावड़ा व खुरपी) व घटना के समय पहने कपडे़ कमीज व टी-शर्ट बरामद हुए। आरोपी नरेश ने पूछताछ में बताया कि मृतक राजेन्द्र की पहली पत्नी की मृत्यु होने के उपरांत दूसरी शादी दो वर्ष पूर्व होशियारी पुत्री गोपाल निवासी सोहरका नबावपुरा थाना हसनपुर के साथ हुई थी। होशियारी के पहले पति से तीन बच्चे है। तीन भाई जिनमें सबसे बडे राजेन्द्र व सबसे छोटा केशव है, तीनों इकट्ठे रहते है। हमारे पास लगभग 12 बीघा जमीन थी, राजेन्द्र ने पहली पत्नी के इलाज कराने में पहले तीन बीघा जमीन बेच दी थी।
एक वर्ष पूर्व राजेन्द्र ने तीन बीघा जमीन नौ लाख रुपये में बिना मेरी मर्जी के यह कहकर बेच दी, हम पर बैंक का कर्जा है और यह कर्जा चुकाना है। तब से मेरा व राजेन्द्र का अक्सर झगड़ा होता रहता था। राजेन्द्र जमीन का सारा पैसा हड़पना चाहता था। मेरी पत्नी राखी ज्यादातर अपने मायके में ही रहती थी। राजेन्द्र ने जमीन का पैसा हड़प लिया था तथा उसे मेरे तथा होशियारी के प्रेम प्रंसग के बारे में शक हो गया, तब सोचा कि अगर राजेन्द्र नहीं रहेगा, तो उसके हिस्से की जमीन भी मेरी होगी तथा होशियारी से मिलने से मुझे कोई नहीं रोक पायेगा।
होशियारी के पहले पति राजू से होशियारी को जो जमीन मिली है, वह भी मेरी हो जाएगी। योजना के तहत 27 अप्रैल की शाम को निरयावली ठेके से देशी शराब ली तथा राजेन्द्र को ज्यादा नशा कराने के लिए ज्यादा शराब पिलाई तथा मैंने कम शराब पी। जब वह पूरी तरह नशे में हो गया तो उसे होटल पर खाना खिला कर रात्रि में घर ले आया। राजेन्द्र बरामदे में चारपाई पर गद्दा डालकर लेट गया। छोटा भाई केशव शाम को गांव में ही तहेरे भाई विरेन्द्र पुत्र दौलत सिंह के यहां सोने के लिए चला गया। जब राजेन्द्र गहरी नींद में सो गया तो मैंने बरामदे में रखे फावडे़ से राजेन्द्र की गर्दन पर वारकर उसकी हत्या कर दी व शव को अंधेरे का फायदा उठाकर कूडी के ढेर में गढ्ढा खोदकर दबा दिया।
रात के अंधेरे में राजेन्द्र के हाथ कूडे़ से बाहर होने के बारे में पता नहीं चल पाया। घर आकर गद्दा रजाई लपेटकर अन्दर कमरे में रख दिये और बरामदे में जमे खून को खुरपी से खुरच कर साफ कर दिया। घटना के समय पहने टी-शर्ट व कमीज जिस पर उसका खून लग गया था। घटना में प्रयुक्त फाबडा व खुरफी, टी-शर्ट व कमीज को घर के पास झाड़ियों में छिपा दिया था
अपर पुलिस अधीक्षक राजीव प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए नरेश उर्फ नागेश पुत्र मोहन निवासी ग्राम भीमा सुल्तानपुर को गिरफ्तार कर लिया। जमीन के पैसों का बंटवारा और पत्नी से अवैध संबंधों के चलते ही भाई की हत्या की।