कानपुर। किसी भी प्रोडक्ट की मार्केटिंग में ब्रांडिंग का अहम योगदान रहता है, क्योंकि जब हम किसी भी प्रोडक्ट को बेचने के लिए उसके बारे में ग्राहक को जानकारी दे रहे होते हैं, तो ग्राहक उत्पाद के ब्रांड में आवश्यक रूप से जानना चाहते हैं। यह बातें मंगलवार को सीएसजेएम विश्वविद्यालय एवं सृजन संचार के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षा मंत्रालय और एआईसीटीई द्वारा आयोजित इम्पैक्ट कार्यशाला के मुख्य अतिथि और सृजन संचार के लीड मेंटर शैलेन्द्र जायसवाल ने कही।
शैलेंद्र जायसवाल ने मार्केटिंग और ब्रांडिंग में अंतर बताते हुए इसके विभिन्न आयामों की विस्तार से चर्चा की। आदितेंद्र जायसवाल ने व्यवस्था को स्थापित करने में सृजन संचार की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने व्याख्यान के इस प्रयास को सभी के लिए उपयोगी बताते हुए नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। स्थानीय और राष्ट्रीय समस्याओं को समझने तथा इसके समाधान के लिए छात्र-छात्राओं की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। छत्रपति शाहू जी महाराज इनोवेशन फाउंडेशन और सृजन संचार के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षा मंत्रालय और एआईसीटीई द्वारा मंगलवार को इम्पैक्ट लेक्चर सीरीज पार्ट-2 का आयोजन किया गया, जिसका विषय 'बाजार के रुझान और ब्रांडिंग का अवलोकन' रहा।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि और सृजन संचार के लीड मेंटर शैलेन्द्र जायसवाल ने उत्पाद विकास में सफलता के लिए मार्केटिंग और ब्रांडिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रोडेक्ट की मार्केटिंग में ब्रांडिंग का अहम योगदान रहता है, क्यों कि जब हम किसी भी प्रोडेक्ट को बेचने के लिए उसके बारे में ग्राहक को जानकारी दे रहे होते है, तो ग्राहक उत्पाद के ब्रांड में आवश्यक रूप से जानना चाहते हैं। उन्होंने मार्केटिंग और ब्रांडिंग में अंतर बताते हुए इसके विभिन्न आयामों की विस्तार से चर्चा की। आदितेंद्र जायसवाल ने व्यवस्था को स्थापित करने में सृजन संचार की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र दुबे ने उत्पादों की सफलता के लिए ब्रांडिंग के कई उदाहरण देते हुए, उसके बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। कार्यशाला के मुख्य वक्ता ओशनिक सर्कल्स के संस्थापक उन्मेश कुलकर्णी ने ब्रांड निर्माण के लिए डिज़ाइन और क्रिएटिव थिंकिंग के महत्व पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर व्याख्यान श्रृंखला की संयोजक डॉ. शिल्पा कायस्थ, डॉ. एकता खरे, डॉ. श्रीहर्ष, डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी समेत विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।