युवक हरिद्वार में करता था मजदूरी
बता दें, घायल युवक 18 जून को सुबह ही हरिद्वार से वापस आया था। युवक हरिद्वार में रहकर मजदूरी करता था। रात को वो खाना खाने के बाद घर के बाहर चारपाई डालकर सो रहा था। तभी गांव के तीन युवकों ने उसपर बम फेंक दिया। पीड़ित पिता मेवालाल ने बताया कि हम लोग अंदर सो रहे थे। बेटा बाहर सो रहा था। तेज धमाके की आवाज सुनकर बाहर आए तो बेटा सामने तड़प रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि बेटे को कहां पर हाथ लगा कर उठाए। पीड़ित मां ने बताया कि मैंने गांव के तीन युवकों मौके से गाड़ी से भागते हुए देखा। लेकिन हम लोग पहले बेटे को संभालने में लग गए। मेरा बेटा दर्द से चिल्ला रहा था। रात करीब 12 बजे बेटे पर बम फेंका गया था। जिस चारपाई पर युवक लेटा था वो पूरी तरह से जल चुकी है।
जमीनी विवाद को लेकर चल रहा था विवाद
पीड़ित पिता मेवालाल ने बताया कि गांव के राजेश सिंह और अर्जुन सिंह की जमीन तीनों आरोपितों ने खरीदी थी। उन लोगों ने 16 लाख की एक चेक दोनों को दी थी। जो बैंक खाते में रुपए न होने से बाउंस हो गई थी। इस पर विक्रेताओं ने जमीन के दाखिल खारिज करने पर रोक लगवा दिया था।
रोक लगने से तेज बहादुर, हरिकेश सिंह और दीपू सिंह नाराज थे। मैं विक्रेता पक्ष की जमीन की चौकीदारी करता हूं। पीड़ित मेवालाल ने बताया कि जब भी मुझे देखते थे तो भद्दी-भद्दी गालियां देते थे। गांव में रहना मुश्किल करने की धमकी भी देते थे।
पिता को समझकर बेटे पर आरोपियों ने किया था हमला
तीनों आरोपियों ने मुझे सोता समझ कर जान से मारने के लिए बम फेंक दिया था। लेकिन मेरा बेटा चारपाई पर सो रहा था। जो हमले में बुरी तरह से घायल हो गया। हम लोगों की मांग है कि तीनों आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। मेरे बेटे के हत्यारों को पकड़ा जाए और उनकी फांसी दी जाए।