रिटायर्ड फौजी को बिना कनेक्शन भेज दिया एक लाख 95 हजार का बिल

Update: 2022-12-31 12:53 GMT

मेरठ: ऊर्जा विभाग द्वारा कब किसके साथ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा समेत किसी भी तरह की धांधलेबाजी हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। अपनी कारगुजारियों के लिए पहले से ही बदनाम इस विभाग का ऐसा ही एक और मामला सामने आया है। विभाग ने रिटायर्ड फौजी के पिता के नाम पर एक और कनेक्शन जारी कर दिया, जबकि पहले से ही एक कनेक्शन चल रहा है।

यहां तक की फौजी को 50 हजार रूपये की रिकवरी के लिए भी तहसील में मामला भेज दिया गया। वहीं पिछले एक साल से फौजी बिजली विभाग के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। सवाल यह कि देश की सेवा करने वाले फौजियों को भी ऊर्जा विभाग अपनी कारगुजारी का शिकार बना रहा है और उनकी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है।

पिता के नाम पर जारी कर दिए दो कनेक्शन: मामला दौराला के वलीदपुर गांव का है। यहां रहने वाले रिटायर्ड फौजी राजबहादुर सिंह रॉयल ने बताया वह देश की सेना में होने की वजह से हमेशा अपने पैतृक गांव से बहार सीमा पर तैनात रहे है। उनके गांव के मकान में एक कनेक्शन पिता हरबंश पुत्र अवतार सिंह के नाम से है जिसका बिल आनलाइन जमा करते आ रहे है।

वह अपने पिता के इकलौते वारिस है और उनकी सारी जिम्मेदारी उन्हीं की है। 31 जनवरी को राजबहादुर रिटायर होकर अपने गांव लौटे तो क्षेत्र के आमीन ने उनके पिता हरबंश के नाम से बिजली कनेक्शन की बकाया राशी जमा करने को कहा। जब राजबहादुर ने कहा कि वह तो सारा बिल जमा करते रहे है तो आमीन ने बात नहीं सुनी और बकाया बिल जो करीब 50 हजार का है जमा करने को कहा। जबकि एक ही नाम पर दो कनेक्शन कैसे दिए गए इसकी सूचना देने के बाद भी विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।

2015 में आवेदन के बाद भी बिना कनेक्शन के भेज दिया 1 लाख 90 हजार का बिल:

रिटायर्ड फौजी के साथ बिजली विभाग की करगुजारी का अंत यहीं नहीं होता। फौजी ने अपनी कृषि भूमि के लिए एक कनेक्शन का आवेदन 2015 में किया था। लेकिन वह कनेक्शन नहीं ले सके। बावजदू इसके विभाग ने उनके नाम से 26 नवंबर 2015 को ही कागजों पर कनेक्शन जारी कर दिया।

अब इसका बिल भी भेजा गया है जो 1 लाख 90 हजार 390 रूपये का है। फौजी का कहना है उन्होंने कनेक्शन के लिए केवल आवेदन किया था जबकि लिया नहीं था। ऐसे में बिना कनेक्शन लिए ही बिल कैसे जारी हो गया। रिटायर्ड फौजी राजबहादुर इस प्रकरण को लेकर भी विभाग के चक्कर लगा रहे है लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही है।

मुझे इस प्रकरण की जानकारी नहीं है, यदि ऐसा है तो जांच कराई जाएगी।

-अरविंद मलप्पा बंगारी, एमडी ऊर्जा, पश्चिमांचल, मेरठ

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