हॉकी के जादूगर की सबसे बड़ी मूर्ति, मेजर ध्यानचंद की अनदेखी के बाद...

Update: 2023-08-26 10:29 GMT
उत्तरप्रदेश: झांसी की एक पहचान रानी लक्ष्मीबाई से है तो दूसरी पहचान मेजर ध्यानचंद से है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने झांसी से ही हॉकी खेलना शुरु किया था. आज भी झांसी के लोग उन्हें दद्दा ध्यानचंद के नाम से पुकारते हैं. दद्दा ध्यानचंद की सबसे ऊंची मूर्ति झांसी में ही स्थापित है. सीपरी बाजार के पास स्थित एक पहाड़ी पर यह मूर्ति स्थापित की गई है. आज भी यह मूर्ति झांसी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है.
मेजर ध्यानचंद की मूर्ति से झांसी वालों का खास लगाव है. यह लगाव इसलिए है क्योंकि इस मूर्ति को झांसी के लोगों ने ही चंदा इकट्ठा करके स्थापित करवाया था. लगभग 15 साल पहले झांसीवासियों ने इस मूर्ति को स्थापित करवाया था. यह मूर्ति पर्यटन स्थल होने के साथ ही इस बात की भी याद दिलाती है की लंबे समय तक झांसी में ही मेजर ध्यानचंद की अनदेखी होती रही. जब झांसी वालों को इस बात का एहसास हुआ तो उन्होंने खुद ही मूर्ति स्थापित करवाने का फैसला लिया.
झांसी और दद्दा का रिश्ता सदियों पुराना
इतिहास के जानकार और उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि झांसी और मेजर ध्यानचंद का रिश्ता सदियों पुराना है. यह रिश्ता आने वाली पीढ़ियों को भी याद रहे इसलिए झांसी के लोगों ने ही उनकी यह मूर्ति स्थापित करवाई थी. उसके बाद कई अन्य संस्थान भी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखे गए लेकिन इस मूर्ति की विशिष्ट पहचान है.
Tags:    

Similar News

-->