नोएडा। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण को राहत देते हुए डीएलएफ की ओर से दाखिल किए गए कंटेप्ट ऑफ कोर्ट को खारिज कर दिया है। इसके बाद अब डीएलएफ को 235 करोड़ रुपए की रकम देनी होगी। ये वो रकम है जिसे प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण मामले में रेड्डी विरेन्ना को दे चुका है। प्राधिकरण की ओर से तर्क दिया गया कि मॉल प्रबंधन और नोएडा प्राधिकरण के बीच हुई लीज डीड की शर्तों में साफ लिखा है कि अगर इस जमीन से संबंधित किसी को अतिरिक्त मुआवजा दिया जाता है तो वह पैसा प्रबंधन को देना होगा। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद अदालत ने मॉल प्रबंधन के कंटेप्ट को खारिज कर दिया। नोएडा प्राधिकरण के ओ एस डी कुमार संजय ने बताया कि न्यायालय ने कंटेप्ट ऑफ कोर्ट खारिज कर दिया है। अब उसे पूरा पैसा देना होगा।
यह मामला सेक्टर-18 स्थित डीएलएफ मॉल प्रबंधन की जमीन से जुड़ा है। जहां पर यह मॉल बना है उस जमीन को 25 साल पहले बेंगलुरु के रेड्डी विरेन्ना ने किसान से खरीदा था। इसमें प्राधिकरण ने गलत तरीके से जमीन अधिग्रहण कर मॉल प्रबंधन को जमीन दे दी थी। इसको लेकर रेड्डी ने केस लड़ा। कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्राधिकरण को 361 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया था। इसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने रेड्डी से बात की। जिस पर वह प्राधिकरण से 295 करोड़ लेने पर सहमत हो गया। आदेश के बाद प्राधिकरण ने रेड्डी को पैसा दे दिया। इस पैसे की भरपाई के लिए प्राधिकरण ने डीएलएफ मॉल प्रबंधन को नोटिस भेज 235 करोड़ देने को कहा। इसको लेकर मॉल प्रबंधन की ओर से उच्चतम न्यायालय में ओ एस डी और एसडीएम के खिलाफ कंटेप्ट ऑफ कोर्ट किया। तर्क दिया कि कोर्ट ने रेड्डी को पैसे देने का आदेश प्राधिकरण को दिया। दोनों पक्षों का पक्ष सुनने के बाद कंटेप्ट खारिज कर दिया गया।