बसपा नेता धर्मेन्द्र चौधरी की हत्या का आरोपी था भोलू

Update: 2023-08-03 05:31 GMT

अलीगढ़ न्यूज़: हत्या, रंगबाजी सहित चर्चित हत्याकांड में लिप्त रह चुका हिस्ट्रीशीटर सुनील उर्फ भोलू ठाकुर एक ही गोली में ढेर हो जाएगा. शायद यह किसी ने सोचा भी नहीं होगा. जो उम्र स्कूल में जाकर पढ़ाई करने की थी, उस उम्र में भोलू ने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए पहला अपराध किया था.

यह बात थी वर्ष 2005 की. इसके बाद अलीगढ़ के चर्चित हत्याकांडों जैसे होटल संचालक संदीप हत्याकांड, एडीए ठेकेदार तरूण हत्याकांड व बसपा नेता धर्मेन्द्र चौधरी हत्याकांड में भोलू का नाम आया. हैरत की बात है कि इन सभी मुकदमों में वह अदालत से बरी हुआ. भोले के खिलाफ अलीगढ़ के अलग-अलग थानों में 14 मुकदमें दर्ज हैं, जिसमें दो में सजा और बेल पर रिहा चल रहा था. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2019 में जवां के तेजपुर शराब ठेके पर रंगबाजी में गांव के बंजारा समाज के किशोर की हत्या की घटना में भोलू के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था. पुलिस पर पथराव किया था. इस दौरान कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुए.

भाजपा के कार्यक्रमों में रहता था सक्रिय

भोलू पर बेशक किसी राजनीतिक दल से सीधे नहीं जुड़ा हुआ था लेकिन वह भाजपा के कार्यक्रमों में सक्रिय रहता था. फेसबुक एकाउंट पर भी भोलू के कई भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होने के फोटो पड़े हुए हैं. कई जनप्रतिनिधियों व ब्लॉक प्रमुखों से भोलू की नजदीकी थी. यही वजह रही कि उसके अंतिम संस्कार में पूर्व विधायक ठा.दलवीर सिंह, लोधा ब्लाक प्रमुख हरेंद्र सिंह सहित तमाम राजनीतिक व रसूखदार लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे थे.

बसपा में टिकट लेने का किया था प्रयास

भोलू ठाकुर ने अपनी अपराधिक पृष्ठभूमि को साफ करने के लिए बीते जिला पंचायत चुनाव में बसपा से टिकट लेने का प्रयास किया था. इसके अलावा वह भारतीय किसान यूनियन भानु गुट में शामिल बताता था.

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