प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) अराजनैतिक ने केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों से वादा निभाने की मांग की है। भाकियू ने प्रयागराज में तीन दिवसीय किसान चिंतन शिविर का आयोजन कर रविवार को नौ प्रस्ताव पारित किये और अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी प्रयागराज के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा है। प्रधानमंत्री को भेजे गये ज्ञापन के माध्यम से भाकियू अराजनैतिक ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का राज्य परामर्श से मूल्य अविलंब तय किया जाए और गन्ना किसानों का बकाया भुगतान ब्याज सहित कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। किसान संगठन का कहना है कि भाजपा ने उप्र विधान सभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में किसानों से जो वादा किया था, उसे तत्काल पूरा किया जाए। किसानों की मांग है कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य का दायरा बढ़ाते हुए फल सब्जियों सहित प्रत्येक फसल का स्वामीनाथन कमेटी के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए। साथ ही आगामी बजट में किसान सम्मान निधि को बढ़ाए जाने की भी मांग की गई है। किसान यूनियन ने एक अन्य प्रस्ताव में मांग किया है कि केंद्र सरकार अपने आगामी बजट में कृषि में उपयोग होने वाले यंत्रों, खरपतवार नाशक, कीटनाशक, खाद, बीज सहित सभी वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से मुक्त करे। साथ ही उप्र के बुंदेलखंड और न्यू महाराष्ट्र के विदर्भ के किसानों की कर्ज माफी और उनके लिए एक विशेष पैकेज के ऐलान की मांग की। यूनियन का कहना है कि मौसम की मार के चलते दोनों क्षेत्रों के किसानों की हालत बहुत ही खराब है।
इसके अलावा देश में कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देने हेतु देश के प्रत्येक जनपद में एक जनपद एक उत्पाद के तर्ज पर कृषि निर्यात प्रोत्साहन केंद्र खोलने की मांग की है। किसान यूनियन ने अवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने हेतु वृहद कार्ययोजना तैयार करने का मुद्दा भी अपने प्रस्ताव में पारित किया है। भाकियू अराजनैतिक ने प्रयागराज के माघ मेला क्षेत्र में 27 से 29 जनवरी तक तीन दिवसीय किसान चिंतन शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र से आए किसानों ने देश भर की किसान समस्याओं पर 50 घंटे गहन चिंतन किया। इस चिंतन में तत्कालिक एवं दीर्घकालिक विषयों पर प्रस्ताव पारित कर देश एवं राज्य की सरकारों को भेजने का निर्णय लिया गया। यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि चिंतन शिविर में लगभग 25 हजार किसानों ने भाग लिया। इसमें उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के जिला अध्यक्ष मौजूद रहे। इस किसान पंचायत को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव अनिल तालाब, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह रंधावा और राष्ट्रीय सचिव उम्मेद सिंह समेत कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को काफी सुविधाओं की आवश्यकता है आज किसानों को उनकी फसलों का मूल्य दिलाने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने अनिवार्य है उत्तर प्रदेश में गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य तय नहीं किया गया है जो दुखद है गन्ने का आधा सत्र बीत चुका है। उन्होंने कहा कि यदि उप्र सरकार अविलंब गन्ने का मूल्य घोषित नहीं करती है तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया कि यूनियन के निर्णय के अनुसार संगठन 15 मार्च को मेरठ कमिश्नरी पर किसान पंचायत का आयोजन कर आंदोलन का शंखनाद किया जाएगा। इसके बाद किसानों की समस्याओं पर देशभर में संघर्ष किया जाएगा। सभी राज्यों में सम्मेलन करने के बाद दिल्ली में किसान महापंचायत का आयोजन होगा।