मेरठ। मेरठ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि जो ओमिक्रॉन का संक्रमण चल रहा है, उसी तरह का असर बीएफ.7 का रहेगा। जुकाम, बुखार, खांसी जैसे शुरुआती लक्षण रहेंगे और निमोनिया का लक्षण आ सकता है। बहुत संक्रमित एसिम्प्टोमैटिक भी रहेंगे। लेकिन अभी तक कोरोना से बचाव के लिए जो गाइडलाइन जारी हुई है, उनका पालन करना जरूरी है।
बीएफ.7 डेल्टा प्लस जैसा खतरनाक नहीं है, यह ओमिक्रॉन जैसा है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बचाव करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अभी गुजरात में मिले बीएफ.7 के संक्रमित होम आइसोलेशन में ही इलाज से ठीक हो गए हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं और लापरवाही बरतते हैं, उनके लिए खतरा हो सकता है।
माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष ने बताया कि बचाव के लिए वही उपाय करने हैं, जो कोविड के दूसरे स्ट्रेन के लिए किए जाते हैं। मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। ओमिक्रॉन का संक्रमण चल रहा है, उसी तरह का असर इसका भी रहेगा। जुकाम, बुखार, खांसी जैसे शुरुआती लक्षण रहेंगे और निमोनिया का लक्षण आ सकता है।
बहुत संक्रमित एसिम्प्टोमैटिक भी रहेंगे। लेकिन अभी तक कोरोना से बचाव के लिए जो गाइडलाइन जारी हुई है, उनका पालन करना जरूरी है। सीनियर चेस्ट फिजीशियन डॉ. संदीप जैन ने बताया कि वैक्सीन से जो इम्युनिटी पैदा हुई है, उससे बचाव होगा। जरूरी नहीं कि यह वायरल संक्रमण चीन जैसा घातक यहां भी रहे। वैक्सीन ने ओमिक्रॉन से बचाव किया है। बीएफ.7 में भी यह कारगर रहेगी। उन रोगियों के लिए ज्यादा खतरा है जिन्हें डायबिटीज, कैंसर या ऐसा रोग है जिसमें इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि गुजरात में बीएफ.7 के जो केस मिले हैं, वे होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए। उनमें कोई जटिल लक्षण नहीं उभरे।