आगरा। आगरा में यमुना में का जल स्तर बढ़ने से ताजमहल, एत्मादुद्दौला, रामबाग, आगरा किला आदि स्मारकों से खूबसूरत नजारे दिखाई दे रहे हैं। शहरवासी भी स्ट्रैची ब्रिज, समेत अन्य पुलों के पास खड़े होकर इन मनोहारी दृश्यों को निहार रहे हैं। तटवर्ती इलाकों के लोग बाढ़ के खतरे को लेकर चिंतित हैं। वर्ष भर यमुना में सिर्फ नालों पानी बहता दिखता है। बारिश के मौसम में ही कुछ ही दिन तक यमुना में ऐसे दृश्य दिखाई देते हैं। पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते एक बार फिर यमुना में ताजेवाला बांध से 4 दिन पहले 2.95 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसलिए गोकुल बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं, और उसका असर आगरा में दिखने लगा है। यमुना में जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। सिंचाई विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 29 सितम्बर को दोपहर तक आगरा में यमुना खतरे के निशान से 2.610 मीटर नीचे बह रही थी। यमुना में अभी जलस्तर और बढ़ेगा। आगरा में यमुना में खतरे का जलस्तर 152.400 मीटर है।
अधिकतम बाढ़ जलस्तर 169.730 मीटर है। आज यानी गुरुवार को यमुना जलस्तर 149.790 मीटर पर पहुंच गया है। मेहताब बाग से ताज के पार्श्व इतना खूबसूरत दिख रहा है कि लोगा आनंदित हो उठते हैं। सुदंर नजारों को कैद करने के लिए लोग मोबाइल और कैमारों से वीडियो बनाते नजर आ रहे हैं। दशहरा घाट के पास ताजमहल पर्यटक यमुना के बढ़े हुए जलस्तर को देखकर उत्साहित हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने से ताजमहल के पीछे पानी भरपूर मात्रा में है। इससे ताज की बुनियाद में लगी साल की लकड़ियों में नमी रहेगी। पानी की भरपूर मात्रा होने से पर्यटकों को यमुना के किनारे जाने से रोका जा रहा है। यमुना में गोकुल बैराज से सभी 22 गेट खोल दिए जाने से आगरा में यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। आज यानी गुरुवार को ताजेवाला बांध से छोड़ा गया पानी मथुरा तक पहुंचने की सम्भावना थी, इसलिए गोकुल बैराज के गेट 2 दिन पहले ही खोल दिए गए। यमुना जल स्तर बढ़ने पर प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। जल पुलिस यमुना में स्टीमरों से तटवर्ती इलाकों में निगरानी कर रही। सिंचाई विभाग के अधिकारियों भी यमुना के तटवर्ती एवं निचले इलाकों में भ्रमण कर लोगों को सावधान कर दिया है। हालांकि बाढ़ जैसे खतरे की कोई नहीं है।