Basti: 39 पीएचसी पर आयोजित जन आरोग्य स्वास्थ्य मेले में दिखी लापरवाही
पीएचसी पर सिर्फ आयुष के डॉक्टर दिखे
बस्ती: जिले के 39 पीएचसी पर आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य स्वास्थ्य मेला लापरवाही के कारण फीका रह जा रहा है. मेला में मरीजों की संख्या घटती जा रही है. इसके पीछे एलोपैथ चिकित्सकों का गैरहाजिर रहना और समय से उपस्थित न होना बताया जा रहा है. वहीं अधिकतर पीएचसी पर सिर्फ आयुष के डॉक्टर दिखे.
नगरीय पीएचसी बदरहिया में चिकित्साधिकारी डॉ. पंकज शुक्ला ने मरीजों की जांच की. डॉ. मासूमा, स्टॉफ नर्स पूनम यादव, फर्मासिस्ट विजय कुमार, एलटी अजय कुमार, रमावती, दिलीप ने सहयोग किया. पीएचसी नरहरिया में भी मेला लगा. गौर संवाद के अनुसार पीएचसी बेलघाट में 42 मरीज आए जिसको एमओआईसी गौर डॉ. प्रेमचंद ने परामर्श दिया. होम्योपैथ के डॉ. विनोद कुमार पांडेय, एलोपैथ के फार्मासिस्ट राजेश कुमार सिंह, होम्योपैथ के फार्मासिस्ट सुरेंद्र पांडेय ने सहयोग किया.
पीएचसी मुसहा में 32 मरीज आए जिनका इलाज आयुष के डॉक्टर डॉ. नफीस खान ने किया. पीएचसी न्यू हलुवा बाजार में डॉक्टर नहीं थे. यहां 40 मरीज आए जिसको फार्मासिस्ट रामतौल जायसवाल ने दवाएं दी. ज्यादातर मरीज खांसी, बुखार और जुकाम के आए. त्वचा रोगी भी आए. मौसम के बदलाव के कारण मरीजों की संख्या कम दिखी. गनेशपुर संवाद के अनुसार पीएचसी हरदी में 37 मरीज आए. चिकित्सक नहीं थे, ऐसे में फार्मासिस्ट धर्मेन्द्र चौधरी ने दवाएं दी. डॉक्टर के बिना मेला संचालित हो रहा है. इससे मरीजों को बेहतर सुविधा नहीं मिल रही.
जन आरोग्य मेले में नहीं हो रही है जांच : पीएचसी पर आयोजित सीएम जन आरोग्य मेले में ब्लड प्रेशर को छोड़ अन्य किसी भी प्रकार की जांच मरीजों की नहीं हो रही है. वजह पीएचसी परसाकुतुब में लैब असिस्टेंट व एलटी का पद ही सृजित नहीं है. पीएचसी सगरा में एलए का पद होने के बावजूद भी किसी की तैनाती नहीं है. पीएचसी करमहिया में कार्यरत रहीं एलए को टीबी अस्पताल में सम्बद्ध कर दिया गया. आज तक दूसरे की तैनाती नहीं की गई. पीएचसी परसाकुतुब में डॉ. अजय कुमार ने 27, पीएचसी सगरा में डॉ. बृजनंदन मोदनवाल ने 24 व पीएचसी करमहिया में डॉ. अमिष कुमार ने कुल 18 मरीजों के सेहत की जांच की.
पीएचसी कुदरहा में नहीं मिले डॉक्टर, निराश लौटे मरीज : पीएचसी कुदरहा में डॉक्टर गैरहाजिर रहे. इससे तमाम मरीज बिना उपचार के लौट गए. जो मरीज आए उन्हें फार्मासिस्ट जेपी वर्मा ने जांच कर दवाएं दी. 35 मरीजों का पंजीकरण हुआ. एमओ डॉ. शशि कुमार ने बताया कि डॉ. भानु प्रताप की ड्यूटी थी. लेकिन, वह नहीं आए.
वहीं डॉ. भानु ने बताया कि एमओ का एग्जाम देने के लिए लखनऊ चले आए थे जिसके कारण पीएचसी पर नहीं पहुंच पाए.