Basti: उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को भुगतान का आदेश दिया

"1 लाख 80 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया"

Update: 2025-01-15 08:11 GMT

बस्ती: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश अमरजीत वर्मा व सदस्य अजय प्रकाश सिंह ने पूर्व सैनिक रहे पूर्व लेखपाल की मौत पर बीमा कंपनी को बीमा लाभ देने का आदेश दिया है. पीठ ने बीमा कंपनी व फाइनेंस कंपनी को लापरवाही के लिए जिम्मेदार मानते हुए 1 लाख 80 हजार रुपये क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है.

महाराजगंज क्षेत्र के ग्राम रजौली की अनीता पत्नी अरुण कुमार ने वीरेंद्र नाथ पांडेय एडवोकेट के जरिए आयोग में परिवाद दाखिल किया कि उसके पति अरुण कुमार सेना से सेवानिवृत होने के बाद विद्युत विभाग में सेवा अर्पित किए, उसके बाद लेखपाल के पद पर कार्यरत रहे. उन्होंने घर बनवाने के लिए दो बार फाइनेंस कंपनी से कर्ज लेकर मकान का निर्माण कराया. कुल 15 लाख 25 हजार कर्जा लिया था. अपने कर्ज की सुरक्षा के लिए दो बीमा पॉलिसी अरुण ने लिया था, जो फाइनेंस कंपनी के माध्यम से भारती एक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से लिया गया था. बीमा अवधि के दौरान ही 29 जुलाई 2019 में अरुण कुमार की मृत्यु हो गई. पत्नी बीमा क्लेम के लिए गई तो बीमारी छुपाने का वास्ता देकर भुगतान करने से इनकार कर दिया. परिवादिनी ने तब यह परिवाद दाखिल किया. विपक्षी की तरफ से कहा गया कि बीमाधारक सात साल से शुगर के पेशेंट थे. दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने कहा कि बीमा कंपनी परिवादिनी के द्वारा जमा की गई धनराशि 10 लाख 11 हजार 811 रुपए पर आठ फीसदी साधारण ब्याज लगाकर वापस भुगतान कर दें और बीमा क्लेम का लाभ देकर कर्ज के बारे में भार मुक्ति प्रमाण-पत्र प्रदान करें.

जीआरपी की सतर्कता से भटकने से बचीं दो मासूम: बस्ती रेलवे स्टेशन पर घूमती मिलीं दो मासूम को जीआरपी टीम ने सतर्कता से इधर-उधर भटकने से बचा ली और सकुशल परिजन को सौंपा. थाना निरीक्षक जीआरपी एमपी चतुर्वेदी ने बताया कि दिवस अधिकारी उ.नि. श्रवण यादव मयटीम के साथ रेलवे स्टेशन बस्ती पर भ्रमण पर थे. यात्री हाल में दो मासूम घूमते मिलीं. दोनों के साथ कोई अभिभावक मौके पर मौजूद नहीं थे. दोनों से उनके माता पिता के बारे में पूछा गया तो कुछ नहीं बता पा रही थीं. बच्चों की बरामदगी/सुपुर्दगी के संबंध में चलाये जा रहे अभियान आपरेशन मुस्कान के तहत दोनों के माता-पिता निवासी गोरखपुर की तलाश तीन घंटे के भीतर कर लिया गया. बच्चों की मां ने बताया कि लुधियाना जाने के लिये बस्ती स्टेशन पर आयी थी. पति कहीं चले गए तो मैं खोजने के लिये दोनों बच्चों को स्टेशन पर छोड़कर चली गईं थीं.

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