Basti: नौकरी पर रखने की बात को लेकर तहसीलदार से भीड़ा अमीन, केस दर्ज

"तहसीलदार से अभद्रता"

Update: 2025-01-28 08:34 GMT

बस्ती: रुधौली क्षेत्र के सीजनल अमीन ने तहसीलदार के साथ अभद्रता की. इस मामले में पुलिस ने गार्ड की तहरीर पर केस दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि सीजनल अमीन को काम नहीं दिया गया, जिससे वह नाराज चल रहा था और नौकरी पर रखने की बात को लेकर तहसीलदार से भिड़ गया.

पुलिस को दी तहरीर में तहसीलदार रुधौली के चैंबर की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड विजय यादव निवासी अरदा थाना रुधौली ने बताया कि को दोपहर बाद 12.45 बजे संतोष ओझा चैंबर के बाहर आए और जबरन चैंबर में घुसने लगे. मैंने मना किया, लेकिन वे नहीं माने और जबरदस्ती घुस गए. उसके बाद तेज आवाज में तहसीलदार के साथ अभद्र व्यवहार किया. वादी ने जब रोका तो उसके साथ भी गाली-गलौज किया और सरकारी कार्य में बाधा डाला. इस मामले में पुलिस ने संतोष ओझा के खिलाफ अधिकारी के साथ अभद्रता करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया.

बताते चलें कि संतोष ओझा रुधौली तहसील में सीजनल अमीन के पद पर कार्यरत थे. करीब दो माह पूर्व उन्हें कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में पद से हटा दिया गया था. प्रक्रिया के तहत पुन माह में सीजनल अमीनों को रखने की कार्रवाई की गई. लेकिन संतोष ओझा को नहीं रखा गया. इसको लेकर वह लगातार प्रयास कर रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसी मुद्दे को लेकर वह तहसीलदार से वार्ता करने गए थे. हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उनका शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर चालान कर दिया.

अधिकारियों व सहयोगियों के साथ अभद्रता करने के आरोपी निलंबित लेखपाल अरविन्द पाल को सजा निर्धारित कर दिया है. नियुक्ति अधिकारी एसडीएम ने लेखपाल के खिलाफ तीन सजा निर्धारित करते हुए बहाल किया. यह मामला भानपुर तहसील का है.

एसडीएम भानपुर ने जारी कार्यालय आदेश में कहा कि 11 सितम्बर 2024 को अनुशासनहीनता व लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. निलंबन प्रकरण की जांच तहसीलदार भानपुर ने किया था. जांच-आख्या के आधार पर छह आरोप सिद्ध पाए गए. उन पर अनुशासनहीनता और लापरवाही का आरोप सिद्ध पाया गया. इसके अलावा उच्चाधिकारियों की अवहेलना करने, बिना अनुमति मुख्यालय से गायब होने, कानूनगो और नायब तहसीलदार के साथ अभद्रता करने, कानूनगो को बैठक के दौरान मारपीट कर हाथ-पैर तोड़ने की धमकी देने का आरोप सिद्ध पाया गया.

इतना ही नहीं विभागीय ग्रुप में साथियों को सरकार के विरूद्ध उकसाया गया. इन आरोपों के पुष्टि के आधार पर एसडीएम भानपुर ने तीन सजा निर्धारित किया. एसडीएम ने आरोपों के आधार पर लेखपाल अरविन्द की एक स्थायी वेतन वृद्धि बाधित कर दी गई है.

उन्होंने लेखपाल को निलंबन अवधि के दौरान प्राप्त जीवन निर्वाह भत्ता के अलावा कोई अन्य वेतन या भत्ता देय नहीं होगा. इसके साथ ही अपचारी लेखपाल को बैड इंट्री दी गई है. इसके साथ ही उन्हें बहाल करते हुए विभागीय कार्रवाई समाप्त कर दी गई.

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