बासमती के एक्सपोर्ट में 15 फीसदी की कमी दर्ज, जानिए कारण

Update: 2022-10-08 09:37 GMT

मोदीपुरम न्यूज़: अंधाधुंध तरीके से बासमती की फसल में पेस्टीसाइड दवाइयों का इस्तेमाल करने के कारण बासमती के निर्यात में कमी आई है। निर्यात में कमी आने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि वेस्ट यूपी के 30 जनपदों में पेस्टीसाइड दवाइयों को पूर्णरूप से प्रतिबंधित कर दिया है। अब इन दवाइयों पर प्रतिबंध लगने के कारण किसान इनका इस्तेमाल नहीं करेंगे और निर्यात में कमी नहीं आएगी। इसके लिए सरकार द्वारा सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। बासमती की किस्म को विदेशों में बेहद पसंद किया जाता है। भारत में तैयार होने वाली बासमती की किस्म को अमूमन खाड़ी देशों में बेहद शौक के साथ खाया जाता है, लेकिन बासमती की फसल में किसानों द्वारा पेस्टीसाइड दवाइयों का सेवन अत्यधिक किया जाने लगा। जिससे बासमती की डिमांड में गिरावट आ गई है। इस गिरावट के कारण 15 प्रतिशत निर्यात में होने में कमी आई है।

इस कमी को देखते हुए सरकार द्वारा एक्शन लिया गया और सरकार ने 10 पेस्टीसाइड ऐसी दवाइयों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जिन दवाइयों का इस्तेमाल किसान कर रहे थे। क्योंकि यह दवाइयां जब उपलब्ध नहीं होगी तो किसान इनका प्रयोग भी नहीं कर सकेंगे। बीईडीएफ संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. रितेश शर्मा का कहना है कि 30 जनपदों में जहां-जहां बासमती की पैदावार होती है। वहां-वहां 10 पेस्टीसाइड दवाइयों को प्रदेश सरकार ने पूर्णरूप से प्रतिबंधित कर दिया है। क्योंकि इनके इस्तेमाल होने से पैदावार ठीक से नहीं हो रही थी। जिसके चलते 15 प्रतिशत एक्सपोर्ट में कमी आई है। इस कमी को देखते हुए सरकार द्वारा कड़े फैसले लिए गए हैं।

विदेशों में कोरोना काल में बढ़ी थी बासमती की डिमांड: कोरोना काल में विदेशों में बासमती की किस्म को बेहद पसंद किया गया। कोरोना काल में भारत ने अधिकतर देशों को भोजन उलब्ध कराया है। जिसके मद्देनजर बासमती की मांग की जा रही थी, लेकिन किसानों द्वारा अत्यधिक पेस्टीसाइड दवाइयों का प्रयोग करने के कारण 15 फीसदी की कमी बासमती के एक्सपोर्ट में आने के कारण परेशानी हो गई है। ऐसे में सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पेस्टीसाइड दवाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया।

Tags:    

Similar News

-->