बरेली: सड़कें गड्ढामुक्त करने, दुकानों की सील खोलने पर भिड़े सपा-भाजपा पार्षद
बरेली। शहरी क्षेत्र की सड़कों को गड्ढामुक्त करने और सील दुकानों को खोलने के मुद्दे पर गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा व सपा पार्षद भिड़ गए। यह हंगामा तब हुआ जब सपा पार्षद द्वारा सड़कों को गड्ढामुक्त करने पर निगम की वित्तीय हालत ठीक नहीं होने पर निगम को अडानी को सौंपने की बात कही गई।
इस प्रस्ताव पर दोनों दलों की गर्माहट कम नहीं हो पाई कि कुतुबखाना सब्जी मंडी की सील दुकानों को खोले जाने का प्रस्ताव रखा गया। नौ प्रस्ताव पर अधिकांश पास हो गए लेकिन दो मुद्दों पर बैठक में दोनों दल के पार्षदों के बीच तीखी बहस हुई। इस पर मेयर ने कहा कि 15 नवंबर तक सड़कें गड्ढामुक्त करने के के साथ यह निर्देश दिए हैं कि शहर में किसी भी अवैध निर्माण और कब्जे को वैध नहीं होने दिया जाएगा।
नगर निगम में दोपहर 12.30 बजे शुरू हुई बैठक में पिछली कार्यवाही की पुष्टि में सपा के गौरव सक्सेना ने कहा कि किला के स्वाले नगर में बीडीए द्वारा निर्मित नाले का छोर नहीं होने की बात बैठक में उठाई थी। उस पर एक्सईन को निर्देश देने के बाद किसी ने नाले का निरीक्षण नहीं किया। मेयर डा. उमेश गौतम ने एक्सईन को तत्काल निरीक्षण करने और बीडीए को पत्र भेजने की बात कही। इसके पहले भाजपा के विकास शर्मा ने कहा कि कुछ केस पैरवी के अभाव में मेरिट में नहीं आ पा रहे हैं।
बैठक में इसकी पुष्टि हुई कि उक्त केस भी मेरिट में नहीं आ पाया। सपा पार्षद ने गड्ढे में गिरकर व्यक्ति की मौत होने का मामला उठाया तो मेयर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी की सड़क को नगर निगम के मत्थे मढ़ना ठीक नहीं है। मेयर ने पार्षद द्वारा अपनी बात लिखकर देने के बजाय गलत ढंग से बोलने पर एतराज जताया। भाजपा पार्षद दीपक सक्सेना ने किसी व्यक्ति का नाम लेने पर आपत्ति जताई। बहस के बाद मेयर ने मुख्य अभियंता से पूछा कि कितने दिनों में शहर को गड्ढा मुक्त कर देंगे। मुख्य अभियंता ने 22 दिन का समय बताया तो मेयर ने निर्देश दिए कि 15 नवंबर तक शहर की सड़कें गड्ढामुक्त हो जाएं।
मेयर ने अफसरों को बताया कि नवंबर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ आ रहे हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से ही सभास्थल तक आएंगे। सपा की तबस्सुम नफीस और प्रस्तावक अकील गुड्डू ने आजमनगर में फड़ लगाकर जीवनयापन करने वाली महिला को प्रीमियम सहित फड़ आवंटित करने का प्रस्ताव लगाया। मेयर ने कहा कि कोई भी अवैध कब्जा या निर्माण वैध नहीं किया जाएगा। इसे निरस्त कर दिया। अकील गुड्ड ने कहा कि कुतुबखाना सब्जी मंडी में 25 दुकानों को सील कर कोई निर्णय नहीं लेने से फड़ लगाने वाले कारोबारियों को परेशानी हो रही है। निर्णय लेने को प्रस्ताव लगाया।
इस पर चर्चा हुई तो सपा पार्षद के प्रस्ताव पर भाजपा पार्षदों के बीच बहस हो गई। विकास शर्मा ने प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस मामले में एक कमेटी गठित की गई। कौन अधिकारी कब गया। क्या देखा, इसकी कोई रिपोर्ट अभी तक नहीं आई। कहा कि अवैध कब्जेदारों को फड़ आवंटित करने से गलत परंपरा पड़ जाएगी। मैं उन लोगों से मिलना चाहूंगा जो यहां व्यापार नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने प्रस्ताव का विरोध किया तो उनके समर्थन में तीन भाजपा पार्षदों ने भी विरोध जाहिर किया।
सपा के गौरव सक्सेना भी मामले की जांच के लिए बनी कमेटी में शामिल हैं। अवैध कब्जेदारों को फड़ आवंटन करने में मुस्लिम वर्ग का होना बताकर विरोध करना बताया तो कुछ भाजपा पार्षदों ने एतराज जताते हुए इसे मुस्लिम वर्ग से जोड़ने का विरोध किया। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने कहा कि वे भी कमेटी में शामिल हैं।
सील दुकानों की कोई पालिसी तय नहीं होने से कमेटी रिपोर्ट नहीं दे पा रही है। कमेटी यह रिपोर्ट दे कि कौन कैसे वहां बैठा है। भाजपा के राजकुमार गुप्ता और कपिल कांत ने कमेटी से अपना नाम वापस लेने की घोषणा की। मेयर ने राजकुमार गुप्ता की जगह दीपक सक्सेना को शामिल करने की बात कही। मेयर ने कहा कि अधिकारी मौके का निरीक्षण करें और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा भी पार्षदों के प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
सपा पार्षद के प्रस्ताव पर भाजपा पार्षदों ने बहस की
कुतुबखाना सब्जी मंडी में अवैध कब्जेदारों की सील दुकानों का प्रस्ताव सपा पार्षद ने लगाया लेकिन उस पर बहस भाजपा के पार्षदों ने की। सपा के शमीम अहमद ने रिफ्यूजी मार्केट में अवैध कब्जेदारों पर कार्रवाई नहीं करने की बात उठाई तो इसका समर्थन भाजपा के कपिल कांत ने किया। इसके पहले कुतुबखाना सब्जी मंडी के प्रस्ताव पर भाजपा के विकास शर्मा का नाम शामिल करने पर भाजपा के ही राजकुमार गुप्ता और कपिल कांत ने अपना नाम कमेटी से बाहर करने की बात कही।
14 लाख टैक्स होना चाहिए 12 हजार दे रहे : मेयर
बैठक में मेयर डा. उमेश गौतम ने टैक्स विभाग के कर्मचारियों का व्यवहार ठीक नहीं होने की बात कही। निरीक्षक व सुपरवाइजर घर- दुकान सील कर रहे हैं और जनता से अभद्र व्यवहार भी कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने टैक्स विभाग का एक मामला भी पकड़ा। उन्होंने कहा कि एक वाणिज्यिक प्रतिष्ठान है, जिन्हें 14 लाख टैक्स देना चाहिए लेकिन वे 12 हजार ही दे रहे हैं। उन्होंने नाम तो नहीं खोला लेकिन कर निर्धारण अधिकारी से प्रतिष्ठान को सील करने के निर्देश दिये।