Bareilly: जीएसटी रिटर्न 2017-18 के मामले में याचिकाएं खारिज

सरकार को करोड़ों के राजस्व का फायदा हुआ

Update: 2024-07-16 06:58 GMT

बरेली: हाईकोर्ट ने कोविड 19 के कारण वर्ष 2017-18 का जीएसटी रिटर्न जमा करने की अवधि बढ़ाने के साथ उसकी जांच, लेखा परीक्षा एवं कर मूल्यांकन की मियाद बढ़ाने के केंद्र व राज्य सरकार की अधिसूचना व आदेशों की वैधता को चुनौती देने वाली दाखिल दर्जन से अधिक याचिकाएं खारिज कर दी हैं. इससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का फायदा हुआ है.

यह निर्णय न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने मेसर्स ग्रेजियानो ट्रांसमिशन सहित दर्जन याचिकाओं पर साथ सुनवाई के बाद दिया है. कंपनी के वकीलों का कहना था कि कानून में जीएसटी रिटर्न दाखिल होने के बाद विभाग द्वारा लेखा जांच व कर मूल्यांकन की अवधि वर्ष नियत की गई है. इस अवधि के बीत जाने के बाद सरकार को लेखा जांच व मूल्यांकन करने का अधिकार नहीं है और सरकार को कानून में तय मियाद बढ़ाने का अधिकार नहीं है. यह भी कहा गया कि जीएसटी रिटर्न जमा करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2018 थी. कोविड 19 के कारण जीएसटी रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर सात फरवरी 2020 कर दी गई थी. 2022 में कोविड समाप्त हो गया इसलिए 2022 के बाद लेखा जांच व कर मूल्यांकन की अवधि बढ़ाना विधि सम्मत नहीं है.

याचिकाओं का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता निमाई दास व स्थाई अधिवक्ता अंकुर अग्रवाल ने तर्क दिया कि कोविड 19 वैश्विक महामारी थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे महामारी घोषित किया था. महामारी के दौरान कोविड प्रतिबंधों के कारण कर्मचारियों की कार्यालय में कमी थी, जिससे व्यापारियों द्वारा दाखिल जीएसटी रिटर्न की जांच व मूल्यांकन में देरी होना स्वाभाविक था.

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