Bareilly: 12 साल पहले गला दबाकर हत्या करने के मामले में दोषी को उम्रकैद

Update: 2025-02-02 09:53 GMT
Bareilly  बरेली। युवक की 12 साल पहले गला दबाकर हत्या करने के मामले में जिला जज सुधीर कुमार ने थाना शीशगढ़ के गांव भूड़ा भकाय निवासी रामू को परीक्षण में दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। कोर्ट ने उसपर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। जुर्माने से 10 हजार रुपये मृतक के वारिस को बतौर मुआवजा दिए जाएंगे।
डीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत ने बताया कि साधू ने थाना भोजीपुरा में 29 अप्रैल 2012 को तहरीर देकर बताया था कि वह दोपहर 3ः20 बजे मेले की तरफ जा रहा था तो खेतों में भीड़ दिखी। उसने मौके पर जाकर देखा था तो एक अज्ञात युवक का शव पड़ा था। पुलिस ने हत्या, आपराधिक षडयंत्र की रिपोर्ट दर्ज की थी। पोस्टमार्टम हाउस पर फतेहगंज पश्चिमी के गांव खिरका निवासी मूलचंद्र ने मृतक की शिनाख्त अपने पुत्र मोहन
स्वरूप के रूप में की थी।
विवेचना के दौरान मूलचंद्र ने 5 मई 2012 को थाना भोजीपुरा में प्रार्थना पत्र दिया था कि 28 अप्रैल 2012 को उसके साले के साले वीरपाल की बारात धौराटांडा गई थी। इस बारात में उनका बेटा मोहन स्वरूप और छोटी बेटी (6) गई थी। 29 अप्रैल को बारात वापस भोजीपुरा के खितौसा गौंटिया पहुंच गई लेकिन मोहन वापस नहीं आया। धौराटांडा में उसकी लाश मिली थी। जानकारी पर पता चला कि मोहन स्वरूप को उसी बारात में मौजूद शीशगढ़ के भूड़ा भकाय निवासी रामू बुलाकर ले गया था। मोहन स्वरूप की अपनी ननिहाल में रहने वाली प्रेमवती की बेटी ममता से प्रेम हो गया था और दोनों की शादी भी हो रही थी। ममता की बड़ी बहन रामू की पत्नी है। रामू के अपनी साली से अवैध संबंध थे, इसलिए वह उसकी शादी मोहन स्वरूप से नहीं होने दे रहा था। मोहन स्वरूप और रामू में इसी बात को लेकर कई बार कहासुनी हुई थी और रामू ने धमकी दी थी।
29 अप्रैल को अंधेरे में रामू गांव गेवरा पहुंचा था और वहां जाते ही अपने पहने कपड़े धोए थे, जिसे बुद्धसेन ने देखा और उन्हें बताया था। 4 मई को उनके बेटे का दसवां था। उसी शाम को रामू गांव खिरका आया और उनके गांव के रामऔतार और बाबू के पास जाकर कबूला कि मोहन स्वरूप को उसने धौराटांडा से बरात से बुलाकर अपनी साली और उसकी जायदाद के चक्कर में मार डाला है और कैसे भी करके मेरा फैसला करा दो। पुलिस ने विवेचना में रामू का नाम प्रकाश में लाकर हत्या की धारा में आरोप पत्र कोर्ट भेजा था। शासकीय अधिवक्ता ने 13 गवाह पेश किए थे।
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