Bareilly: कोर्ट ने विनोद हत्याकांड में दोषी पवन को उम्रकैद की सजा सुनाई

"कोर्ट ने हत्यारोपी पर 2.10 लाख का जुर्माना भी लगाया"

Update: 2025-01-03 05:29 GMT

बरेली: भुता के चर्चित विनोद हत्याकांड में विशेष न्यायाधीश तबरेज अहमद की कोर्ट ने दोषी पवन को सश्रम आजीवन कारावास की कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने हत्यारोपी पर 2.10 लाख का जुर्माना भी लगाया है. यह राशि मृतक विनोद की पत्नी व बच्चों का देने का भी आदेश दिया है. बता दें इस केस की पैरवी की रंजिश को लेकर बीते दिनों विनोद के भाई पुष्पेंद्र की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

एडीजीसी क्राइम सचिन जायसवाल ने बताया कि इस मामले में थाना भुता में गांव खरदाह गजनेरा निवासी पुष्पेंद्र ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा गया कि उनका भाई विनोद भुता में मेडिकल स्टोर चलता था. 20 2021 की दोपहर 12 से एक बजे के बीच वह खरदाह गांव जाने को निकले थे. इसी दौरान खरदाह मोड़ पर सीने में गोली मारकर विनोद की हत्या कर दी गई. पुष्पेंद्र ने गांव के प्रधान पूरनलाल व उसके भाई अर्जुन पर साजिश रचकर पवन से हत्या कराने की रिपोर्ट लिखाई. तत्कालीन थानाध्यक्ष भुता वीरेंद्र प्रताप सिंह ने पवन को गिरफ्तार कर जेल भेजा और उसके खिलाफ ही चार्जशीट पेश हुई. दोनों पक्ष की दलीलों को सुनकर विशेष न्यायाधीश तबरेज अहमद की विशेष कोर्ट ने दोषी पवन को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने पवन पर दो लाख दस हजार का जुर्माना भी लगाया है.

पुष्पेंद्र की हत्या में शामिल था पवन, जेल से रची विनोद हत्याकांड में आजीवन कैद की सजा पाने वाला पवन उनके भाई पुष्पेंद्र की हत्या का भी मुल्जिम है. उस पर जेल में रहकर पुष्पेंद्र की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. यह तथ्य पेश करते हुए उनके वकील ने पवन को फांसी की सजा की मांग की, जिस पर कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई. विनोद की हत्या के मामले में पुष्पेंद्र ने पूरन लाल, अर्जुन और पवन के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मगर पूरन लाल के राजनैतिक रसूख के चलते हत्या की रिपोर्ट महज 15 दिन में भुता थाने से क्राइम ब्रांच ट्रांसफर हो गई और तीन महीने के अंदर ही पूरन लाल व अर्जुन के नाम निकाल दिए गए. इस मामले में सिर्फ पवन के खिलाफ चार्जशीट लगी थी. इसके चलते पुष्पेंद्र इस मामले में कड़ी पैरवी कर पवन को सजा दिलाना चाहते थे. साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज अन्य मामलों में उनके वादी से मिलकर पैरवी कर रहे थे. इसके चलते ही पांच नवंबर को गांव से बरेली आते समय उनकी भी गोलियां मारकर हत्या कर दी गई. इससे पूर्व पूरन लाल किसी अन्य मामले में सेटिंग करके जेल चला गया. मगर पुष्पेंद्र की पत्नी संगीता ने इस मामले में विपिन, सिपिन, गौरव, पूरनलाल, सौरभ, देवेंद्र, संतोष, ब्रजेश कुमार उर्फ बिरजू व पवन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. पूरन लाल हिस्ट्रीशीटर बदमाश है. इनमें से एक पवन को अब विनोद हत्याकांड में आजीवन कैद की सजा हुई है. दो भाइयों की हत्या में शामिल पवन को आजीवन कैद होने से उनके परिवार के जख्मों पर कुछ मरहम लगा है. मगर वे लोग उसे फांसी की मांग कर रहे हैं.

फांसी की सजा देने को पेश की दलीलें: विनोद हत्याकांड की सुनवाई विशेष न्यायाधीश तबरेज अहमद की कोर्ट में हुई. आरोप साबित करने को बहस के दौरान बचाव पक्ष ने दलील दी कि मृतक विनोद, हत्यारोपी पवन के भाई पूरन लाल के खिलाफ ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था. इसमें उसके भाई पूरन लाल को ग्राम प्रधान चुना गया. मृतक विनोद के खिलाफ कई मुकदमे भी चल रहे हैं.

वहीं एडीजीसी क्राइम सचिन जायसवाल ने दलील दी कि मृतक विनोद के भाई व मुकदमे के वादी पुष्पेंद्र की हत्या पांच नवंबर 2024 को हत्यारोपी पवन के भाई व परिजन ने कर दी है. मृतक के घर में कोई कमाने वाला नहीं है. दोषी पवन अभ्यस्त अपराधी ऐसे अपराधी को फांसी की सजा दी जाए. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनकर कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई.

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