सहकारी आवास समिति बनाकर भूमि और धन की बंदरबांट करने का जब से आडिट कराने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है तब से सोसाइटी में घपला करने वालों की नींद उड़ी है। प्रशासन को आडिट कराकर हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी है। इसके लिए तैयारी भी हो गई है। इस बीच शहर की पॉश कालोनी में शुमार हो चुकी माॅडल टाउन कालोनी में हुई घपलेबाजी तो जगजाहिर होकर यहां के सचिव को बर्खास्त भी किया जा चुका है। लैंड आडिट में इस कालोनी की जांच महत्वपूर्ण हो गई है।
नोएडा में भी ट्विन टावर का निर्माण भी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी बनाकर किया गया, लेकिन निर्माण में हाउसिंग सोसाइटी के नियमों का पालन नहीं किया गया। तभी शिकायत के बाद कोर्ट में चले मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नियम विरुद्ध बने टावर पर कार्रवाई का निर्देश दिया था। मॉडल टाउन की सहकारी समिति में हुए घपले की शिकायत भी इसी कालोनी के निवासी अजय सूरी ने की थी। इस पर आवास विकास परिषद ने समिति के सचिव को बर्खास्त करने के निर्देश दिए।
अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रदेश की सभी सभी सहकारी आवास समितियों के लैंड आडिट कराने के आदेश के बाद सोसाइटी संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है। वीरसावरकर नगर कालोनी हो या बन्नूवाल कालोनी,जांच में सभी में कई कमियां सामने आएंगी। मॉडल टाउन की बात करें तो यहां की सोसाइटी के लैंड आडिट में नियमों की जमकर अनदेखी सामने आएगी। सोसाइटी संचालकों ने खूब मनमानी की और अपनी करतूतों पर पर्दा भी डालने का काम किया । अमृत विचार ने भी मॉडल टाउन कालोनी में हुई अनियमितता को उजागर किया था।
रिफ्यूजी सहकारी आवास समिति ( माडल टाउन ) ने 1950 में एक लाख 79 हजार 908 वर्ग गज भूमि 68 हजार 988 रुपये में नगर निगम से खरीदी थी। समिति का उद्देश्य था कि पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को यहां बसाना। इसके लिए सोसाइटी के ले आउट में 250 भूखंड बनाए गए। शुरुआत में सब ठीक था लेकिन बाद में इसमें छल और कूटरचित कार्यवाही होने लगी और यहां तक सड़क की जमीन को भी बेच दिया गया।
मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट भी बिना अनुमति के निर्मित
सहकारी आवास समिति की कालोनी में शुरुआत से ही कहीं भी अपार्टमेंट्स बनाने की कोई योजना नहीं थी। लेकिन अब इस कालोनी में अपार्टमेंट्स हैं। हालत यह है कि 250 भूखंडों वाली यह कालोनी लगभग 300 से ज्यादा भूखंडों वाली कालोनी बन गई है। यहां भूखंड संख्या ए- 109 एवं इसके पीछे भूखंड संख्या बी-124, बी-125, तथा ए-107 और बी-121 पर मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट बिना अनुमति के निर्मित कर लिए गए है। गुरु गोविंद सिंह इंटर कॉलेज के सामने पार्किंग व दुकानों को अवैधानिक रूप से बेच दिया गया। जहां इस समय मकान बन गये हैं। इसी स्कूल के सामने पार्क का 60 फीसदी भूखंड भी बेच डाला गया है।
सड़क भी बेच डाली
समिति के नक्शे में पश्चिम दिशा में सड़क की चौड़ाई 60 फिट दर्शाई गई जबकि यहां जिन भूखंडों की रजिस्ट्री की गई उसमें सड़क की चौड़ाई 36 फीट दर्शाई गई। यानी 24 फीट सड़क की जगह बेच दी गई। स्टेडियम रोड पर आवंटित भूखंड के पश्चिमी दिशा में लगभग 28 हजार 800 वर्ग फीट जगह बेच दी गई। इसके लिए तो बिना अनुमति के ले आउट में भी परिवर्तन कर दिया गया।